BareillyLive : श्री हरी मन्दिर मॉडल टाउन बरेली में चल रहे 63 वे श्री राधा अष्टमी वर्षिकोत्सव के अंर्तगत पठानकोट से पधारे कथा व्यास श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी ने कथा के तृतीय दिवस पर अपने उद्दागर व्यक्त करतें हुए कहा कि भगवान के नाम से जीवन भव्यता और परम सार्थकता है, तन से जगत व्यवहार और मन से श्री हरी स्मरण ही जीव मात्र के कल्याण का सहज साधन हैं। भगवत भूषण श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी ने कहा कि मनोबल की दृढ़ता से प्रमत्वत प्राप्त होता है, और भगवान सहायक बनते हैं यही कारण है की श्री ध्रुव जी महाराज ने 5 वर्ष की अल्प आयु में ही भगवान का साक्षात्कार प्राप्त किया। महाराज जी ने बड़े ही सुंदर भजन से सभी को भाव विभोर कर दिया प्रभु प्यारे से जिसका संबंध है उसे हर घड़ी आनंद आनंद है, जब-जब कलयुग आता है मनुष्य की बुद्धि आसुरी हो जाती है, प्रत्येक स्त्री पुरुष को सद्बुद्धि हेतु सत्संगति आवश्यक है, यदि समाज से भ्रष्टाचार, अनाचार मिटाना चाहते हो तो अपने बेटा बेटी को उच्च शिक्षा के साथ सद्बुद्धि। जब तक हर घर में राम जैसे पुत्र और सीता जैसी पुत्री नहीं होती जब तक अच्छे समाज की कल्पना व्यर्थ है। कथा के अंत में श्री हरी मन्दिर प्रबंध समिति सचिव रवि छाबड़ा ने बताया कि वर्षिकोत्सव 23 सितंबर तक चलेगा। सभी भक्तजन समय से पहुंचकर अमृतमई भागवत कथा का श्रवण कर अपने को धन्य बनाएं। आज की कथा में सतीश खट्टर, सुशील अरोरा, सचिव रवि छाबड़ा, संजय आनंद, गोविन्द तनेजा, अनिल पाहवा, मनोज खंदौजा, रंजन कुमार, मनोज लुनियाल, संजीव कुमार, राजेश अरोरा तथा महिला मंडल से अध्यक्ष श्रीमती रेनू छाबड़ा, कंचन अरोरा, नेहा आनंद, नीलम लुनियाल, सीमा तनेजा, निशा, रजनी, श्रुति आदि का विशेष सहयोग रहा।