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नई दिल्ली। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में 15 मार्च से दो दिन की बैंक हड़ताल का आह्वान किया है। मार्च के मध्य में अगर यह हड़ताल होती है तो बैंकों में लगातार चार दिन तक कामकाज नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि दूसरा शनिवार होने के कारण 13 मार्च को बैंकों में अवकाश रहेगा और 14 मार्च को रविवार है।

गौरतलब है कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स बैंक कर्मचारी संगठनों का अम्ब्रेला संगठन है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सार्वजनिक क्षेत्र को दो बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव की घोषणा की थी। उन्होंने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर यह ऐलान किया था। सरकार आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) की बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेचकर पहले ही इस बैंक का निजीकरण कर चुकी है। इसके साथ ही पिछले चार वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के 14 बैंकों के निजीकरण का काम पूरा हो चुका है।

ऑल इंडिया बैंक इम्पलॉइज एसोसिएशन (AIBEA) के महासचिव सीएच वेंकटाचालम ने कहा कि मंगलवार को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स की बैठक में बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले का विरोध किया गया। उन्होंने कहा, ”आईडीबीआई बैंक और नसार्वजनिक क्षेत्र को दो अन्य बैंकों के निजीकरण, बैड बैंक की स्थापना, एलआईसी के विनिवेश, एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी की स्थापना, इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की सीमा को बढ़ाकर 74 फीसद करने और पब्लिक सेक्टर कंपनियों के विनिवेश जैसे केंद्र सरकार द्वारा बजट में घोषित उपायों में बैठक में चर्चा हुई।”

एआईबीओसी (AIBOC) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद इन घोषणाओं के विरोध में 15 और 16 मार्च को हड़ताल का फैसला किया गया। 

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