नई दिल्ली। डिजिटल वॉलेट ऐप Paytm आजकल सवालों के घेरे में है। इसके चलते उसे हाल ही में संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश होना पड़ा। समिति ने उसके प्रतिनिधियों से कंपनी में चीनी कंपनियों के निवेश के बारे में सवाल किए। समिति के सदस्यों ने यह भी जानने की कोशिश की कि कंपनी के डिजिटल भुगतान सेवा में चीनी निवेश कितना है? साथ ही Paytm को आदेश दिया कि जिस सर्वर में ग्राहकों का डाटा है, उसे भारत में ही स्टोर किया जाना चाहिए।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि Paytm के उच्च अधिकारी पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश हुए और प्रस्तावित कानून को लेकर डाटा प्रबंधन समेत कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने सुझाव दिए।
संसदीय समिति के सदस्यों के यह भी पूछा गया कि जिस सर्वर में ग्राहकों का डाटा रखा गया है, वह विदेश में क्यों है कि जबकि कंपनी अपना डाटा भारतीय इकाई में होने का दावा करती है। समिति ने Paytm के प्रतिनिधियों से कहा कि उन्हें ग्राहकों का डाटा देश में ही स्टोर करना चाहिए।
पैनल के समक्ष अपने प्रस्तुतिकरण में Paytm के प्रतिनिधियों ने कहा कि संवेदनशील और व्यक्तिगत डाटा को प्रसंस्करण के उद्देश्य से भारत के बाहर स्थानांतरित किया जा सकता है, जब इस तरह के हस्तांतरण के लिए ‘डेटा प्रिंसिपल’ द्वारा स्पष्ट सहमति दी जाती है।
Paytm से ब्याज के संभावित विवाद के बारे में भी सवाल किए गए।