बरेली, 23 अक्टूबर। मौसम बदल रहा है। गर्मी जा चुकी है और सर्दी ने दस्तक देदी है। ऐसे में बहुत सी बीमारियां सर्दी, जुकाम खांसी, बुखार आदि का सामना करना पड रहा है। बदलते मौंसम का सबसे ज्यादा प्रभाव नबजात बच्चों पर पड़ता है।

इस मौसम में बच्चों की देखभाल कैसे की जाए कि उन्हें बदलते मौसम के प्रभाव से बचाया जा सके, इस पर हमने बात की बरेली के बेग अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. अनीस बेग से। उनका कहना है कि इस समय बच्चों में निमोेनिया का प्रकोप बहुत देखने को मिल रहा है जिसका सिर्फ एक ही कारण है बदलता मौसम।

निमोनिया में थोड़ी सी भी लापरवाही इसे एक बहुत घातक बीमारी बना देती है। बच्चों के शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। निमोनिया से बचाव के लिए जरूरी है कि बच्चों को सर्दी से बचाया जाये। खासतौर पर रात को सोते समय उन्हें ठीक से ओढ़ाने का खास ख्याल रखना चाहिए। इससे बच्चे सर्दी के साथ ही मच्छरों से बचे रहेंगे और उन्हें मलेरिया या डेंगू के खतरे से भी बचाया जा सकता है।

घरों में मच्छर न पनप सकें इसके लिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा खान-पान पर भी तबज्जो जरूरी है। खुला और बासी खाना नहीं खायें या खाने दें।

उन्होंने बताया की निमोनिया के लक्षण जैसे-जुकाम और खांसी के साथ तेज सांसों के साथ पसलियां चलना, या सांस लेते समय घर्र-घर्र की आवाज आना यदि बच्चे में मालूम हों तो उसका जल्द ही किसी योग्य डाॅक्टर की सलाह से उपचार कराना चाहिंए। सही उपचार ना मिलने पर बच्चें की जान को खतरा भी हो सकता।

एक सवाल के जवाब में डा. अनीस बेग ने कहा कि छोटे और नवजात बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए उनका नियमित और निर्धारित टीकाकरण जरूर कराना चाहिए। टीकाकरण बच्चों को न केवल संक्रामक रोगों से बचाता है बल्कि उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

इसके अलावा इनदिनों पानी जनित रोगों का प्रकोप भी खासा रहता है। इनमें पेट में संक्रमण, पीलिया आदि प्रमुख है। इनसे बचाव के लिए पानी की जांच करायें यदि संभव न हो तो पानी को उबालकर ठंडा करें फिर पियें। इस तरह कुछ थोड़ी सी सावधानियों के साथ आप स्वयं एवं अपने बच्चों को संभावित बीमारियों से बचा सकते हैं।

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