बदायूं@BareillyLive. बदायूं के दिवंगत आईपीएस केवल खुराना की जन्मतिथि पर उनकी स्मृति में श्री सनातन धर्मसभा ने गुरुद्वारा हाल जोगीपुरा में यादे-केवल कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें कवियों, शायरों, साहित्यकारों, अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर उन्हें अपने शब्दों में श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की अध्यक्षता देहरादून से आये मशहूर शायर अंबर खरबंदा ने की।
कार्यक्रम का आरम्भ सरिता सिंह ने माँ सरस्वती की वंदना और राग़िब ककरालवी ने ईश वंदना पढ़कर किया। अतिथियों ने केवल खुराना के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. ब्रजेश सिंह ने कहा कि केवल खुराना एक अच्छे पुलिस अधिकारी के साथ-साथ एक अच्छे साहित्यकार भी थे। जो एक मिलनसार व्यक्ति होता है वह सारे समाज को प्रभावित करता है। केवल खुराना की कार्यशैली अन्य अधिकारियों के लिए प्रेरणादायक रही। उन्होंने केवल खुराना के पिता साहित्यकार अशोक खुराना को सांत्वना देते हुए कहा कि पुलिस परिवार हमेशा आपके परिवार के साथ है।
सदर विधायक महेश गुप्ता ने कहा कि केवल खुराना के रूप में हमारे जनपद ने एक अनमोल हीरा खो दिया है, उनके अपनत्व की कहीं कोई मिसाल नहीं है।
बिल्सी विधायक हरीश शाक्य ने कहा कि जो संसार में आया है उसका विदा होना तो निश्चित है, लेकिन जब कोई अपना असमय चला जाता है तो मन को अधिक पीड़ा होती है।
दातागंज विधायक राजीव कुमार सिंह उर्फ बब्बू भैया ने कहा कि खुराना परिवार से मेरा संबंध तीन पीढ़ियों से रहा है। केवल खुराना मृदुभाषी और सरल स्वभाव के व्यक्ति थे और मुझे पितातुल्य सम्मान देते थे। उनके असमय यूँ चले जाने से जनपद को बहुत बड़ी हानि हुई है।
सूचना आयुक्त स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता ने कहा कि ‘केवल’ खुराना परिवार के ही सदस्य नहीं बल्कि पूरे जनपद की पहचान थे। ऐसे व्यक्ति का जाना एक अपूर्णीय क्षति है, बदायूँवासी उन्हें चिरकाल तक याद रखेंगे।
महेश मित्र ने पढ़ा-
वह अच्छे इंसान थे, अच्छे रहे उसूल
उन्हें समर्पित कर रहे, हम श्रद्धा के फूल
उमाशंकर राही ने पढ़ा –
परमपिता से यही प्रार्थना, जहाँ रहो खुशहाल रहो
जन्म दूसरा मिले जहाँ भी, भारत माँ के लाल रहो
मुजाहिद नाज़ ने पढ़ा-
कहाँ जा छुपा है तू केवल खुराना
तिरे ग़म में डूबा है तेरा घराना
सतीश चन्द्र शर्मा सुधांशु ने पढ़ा-
लाल खुराना जी का ’केवल’, केवल उनका मान नहीं था
केवल नहीं बदायूँ का ही, ’केवल’ भारत का गुमान था
शम्स मुजाहिदी ने पढ़ा-
तिरी याद दिल में है केवल खुराना
कि मुमकिन नहीं है तुझे भूल जाना
अरविंद धवल ने पढ़ा –
आओ हम स्मृतियों का वंदन कर लें, श्रद्धांजलि का शब्द शब्द चंदन कर लें
तुमसे गर्वित है जनपद का जन-गण-मन, आओ उन सुधियों का आराधन कर लें
कार्यक्रम में रामप्रकाश पथिक, रामबहादुर व्यथित, कामेश पाठक,विजय कुमार सक्सेना, राजवीर सिंह तरंग, डा. कमला माहेश्वरी, कुमार आशीष, भारत शर्मा राज, चन्द्रपाल सिंह सरल, डा. गीतम सिंह, संजीव रूप, सुखदेव पाण्डेय, महाराज सिंह, शरद कुमार, विजय निर्बाध आदि ने काव्यात्मक रूप से श्रद्धांजलि अर्पित की।
स्थानीय कवियों व शायरों के अतिरिक्त आगरा, कासगंज, हरदोई व देहरादून से आये साहित्यकारों ने अपनी प्रस्तुतिओं से पूरे सदन को आत्मविभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन भूराज राजलायर ने किया।
ये भी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में हरप्रसाद पटेल, अशोक भारती, विजय मेंहदीरत्ता, डी.के. चड्डा, अशोक नारंग, सुदर्शन बतरा, राकेश गुलाटी, हेमंत दुआ, रजनीश गुप्ता, एम. सगीर, सुनील शर्मा, सभासद अनवर खान, शिवस्वरूप गुप्ता, मोतशाम सिद्दीकी, अमृत गाँधी, डा. सुरेश नौगरैया, डा. चक्रेश जैन, खिजर अहमद, गुलशन गाँधी, आचार्य प्रताप सिंह, समाजसेवी माधव मिश्रा, प्रमोद शर्मा, सुषमा कथूरिया, ममता नौगरैया, दीपमाला गोयल, प्रतिभा मिश्रा, सरिता सिंह, रजनी मिश्रा, विनोद सक्सेना बिन्नी, डा. मनवीर सिंह, डा. अक्षत अशेष, गुरुचरन मिश्र, खालिद नदीम, सादिक अलापुरी, समर बदायूनी, आबशर आदम, चाँद ककरालवी, श्रीदत्त शर्मा, अभिषेक राहत, मनीश प्रेम, पवन शंखधार, सुनील समर्थ, षटवदन शंखधार, सुरेन्द्र नाज, रवीन्द्र मोहन सक्सेना व शैलेन्द्र मिश्रा देव आदि उपस्थित रहे।
-बदायूं से विष्णुदेव चाण्डक की रिपोर्ट