लखनऊ। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। अदिति सिंह नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की सरकारों के कामकाज की अक्सर प्रशंसा करती रही हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों के लिए प्रियंका गांधी द्वारा उपलब्ध कराई गई 1,000 बसों को लेकर हो रही राजनीति से जुड़ा है। इस मामले में अदिति सिंह ने प्रवासी कामगारों के लिए उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसों का बेड़ा लगाने को लेकर कांग्रेस पर अंगुली उठाई थी। इसी को लेकर वे पार्टी के बड़े नेताओं के निशाने पर आ गई थीं।
अदिति सिंह ने प्रवासी कामगारों के लिए बसों के मुद्दे पर भाजपा का पक्ष लेते हुए बुधवार को अपनी पार्टी पर ही निशाना साधा था। उन्होंने प्रियंका गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि कि संकट के समय निम्न स्तर की राजनीति की क्या आवश्यकता थी। दरअसल, अदिति सिंह ने ट्वीट में यह भी लिखा था, “आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत। कांग्रेस ने कामगारों और श्रमिकों की मदद के लिए एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा और एबुंलेंस जैसी गाडिय़ां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाईं।”
कांग्रेस ने इसे गंभीरता से लेते हुए अदिति सिंह को पार्टी की महिला विंग के महासचिव पद से भी निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
अदिति सिंह के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और रायबरेली प्रभारी केएल शर्मा ने कहा कि पिछले वर्ष पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के लिए विधानसभा में उनके खिलाफ एक नोटिस दिया गया था जो लंबित है। वह जवाब देने से बच रही हैं। पार्टी ने उनको विधायक पद से अयोग्य घोषित करने का भी अनुरोध किया है।
पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं। इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। कश्मीर से धारा 370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था। कोरोना वॉरियर्स के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये जलाये थे।