बरेली। रविवार की रात बरेली सेंट्रल जेल की दीवार फांदकर भागने वाले कैदी नरपाल उर्फ सोनू ने आत्‍महत्‍या कर ली है। गिरफ्तार किए जाने के बाद उसे बिजनौर की अस्‍थाई जेल में रखा गया था जहां उसने खुद को फांसी लगाकर जान दे दी।  सुबह कैदियों ने देखा तो घटना की जानकारी हुई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। नरपाल को मंगलवार को बिजनौर की किरतपुर थाना पुलिस ने पकड़ लिया था। उसके पास से एक तमंचा भी बरामद हुआ था।

जेल की दीवार फांदकर भागने के बाद नरपाल को गिरफ्तार करने के लिए बरेली पुलिस की कई टीमें लगी थीं। नरपाल को मंगलवार को किरतपुर पुलिस ने दबोच लिया। उसके पास से एक तमंचा भी बरामद हुआ था। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। 

नरपाल को उम्रकैद की सजा हुई थी। बरेली सेंट्रल जेल में वह यह सजा काट रहा था। 31 जनवरी को तड़के करीब 3 बजे वह जेल से फरार हो गया था। दरअसल जेल में निर्माण कार्य चल रहा है जिसके लिए सरिया आदि पड़े हुए थे। सरिया के सहारे उसने दीवार फांदी और फरार हो गया। फरार होने से पहले उसने कपड़े भी बदल लिए थे। उसकी गिरफ्तारी के लिए एडीजी ने 50 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया था। बरेली पुलिस उसकी तलाश में लगी थी लेकिन मंगलवार को बिजनौर की किरतपुर थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसे बिजनौर की अस्‍थाई जेल में रखा गया था जहां उसने आत्महत्या कर ली।

फरवरी 2009 में हुआ था गिरफ्तार

नरपाल को गांव की ही एक बालिका की दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में फरवरी 2009 में गिरफ्तार किया गया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उसको आजीवन कारावास और 15000 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई थी। सजा सुनाए जाने के बाद वर्ष 2012 में उसको बरेली की सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
पिछले करीब 11 सालों से सेंट्रल जेल में ही बंद नरपाल को लंबरदार बना दिया गया था। जिस रात वह फरार हुआ उस वक्त वह जेल कार्यालय के बाहर ड्यूटी कर रहा था। इस कारण उसे इधर से उधर जाने में कोई दिक्कत नहीं हुई। दीवार फांदने से पहले उसने उसने सेंट्रल जेल की ड्रेस को बदलकर सामान्य कपड़े पहन लिए थे।

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