बरेली। दीपावली प्रकाश पर्व है। कार्तिक अमावस्या की रात को मनाये जाने वाले इस त्योहार पर धरती के लेकर आसमान तक रोशनी बिखरकर अमावस्या के स्याह अंधेरे को लील जाती है। यह रोशनी होती है आतिशबाजी की। इसके विपरीत यदि आतिशबाजी चलाने में जरा सी भी लापरवाही हो जाये तो कई लोगों के जीवन में अंधेरा छा जाता है। इसलिए इस दीपावली आतिशबाजी करें, लेकिन अपनी आंखों का खास ख्याल रखें।
बरेली लाइव से बातचीत में वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.के.गुप्ता ने आतिशबाजी करते वक्त ध्यान रखने वाली बातों को विस्तार से साझा किया। डॉ. गुप्ता कहते हैं कि पहली बात यह कि बच्चों को अकेले पटाखें खरीदने न जाने दें। हमेशा परिवार के बड़े सदस्य साथ में जायें और पटाखे हमेशा मान्यता प्राप्त दुकान से खरीदें।
दीपावली पर मौसम हल्का ठंडा होने लगता है, इसके बावजूद पटाखे जलाते वक्त सूती कपड़े ही पहनें। ऊनी सिल्क व कृतिम कपड़ों से पूरी तरह परहेज करें क्योंकि ये बहुत जल्दी आग पकड़ लेते हैं।
पटाखे जलाने के स्थान पर पास में ही पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें, जिससे किसी भी दुर्घटना की स्थिति में तुरंत पानी का प्रयोग किया जा सके। इसके अलावा एक प्राथमिक चिकित्सा किट यानि फर्स्ट-एड किट और थोड़ी बर्फ भी रखें।
आतिशबाजी या पटाखों से जलने पर सर्वाधिक प्रभावित हमारी त्वचा और आंखें ही होती है। ऐसे में क्या उपाय करना चाहिए? इस पर बताते हुए डॉ. गुप्ता कहते हैं कि त्वचा के जले हुए हिस्से को फौरन पानी से धोएं और बर्फ लगाएं। अगर मामूली जलन है तो जले हुए हिस्से पर नारियल, जैतून या फिर नीम का तेल भी लगा सकते हैं। इसके अलावा, जले हुए हिस्से पर शहद या फिर एलोवेरा जेल भी लगा सकते हैं।अगर कोई गंभीर रूप से जल गया है तो उसे फौरन कम्बल में लपेटें और अस्पताल ले जाएं। उसके कपड़े बदलने का भी प्रयास न करें। इससे कपड़ों के साथ जली हुई त्वचा भी उधड़ने का खतरा रहता है।
डॉ. आर. के गुप्ता कहते हैं अगर पटाखे से आंखों में चिंगारी गई है तो फौरन आंखों को पानी से धोएं और जल्द से जल्द अस्पताल ले जाएं। उनका कहना है कि अगर कॉनटैक्ट लेंस लगाते हैं तो दिवाली वाले दिन बिल्कुल न लगाएं। आंखों को पटाखों की तेज रोशनी से भी बचाएं। आंखों में चिंगारी, पटाखों का धुआं या बारूद लग जाये तो उन्हें तत्काल ठंडे पानी से धोएं। उन्हें मलें बिल्कुल भी नहीं।
हां, एक और खास बात कि पटाखे छुए हाथ आंखों पर कतई न लगायें और बच्चों को भी इस बारे में बतायें। डॉ. गुप्ता बताते हैं कि कई बार बच्चे दीपावली पर किसी डिब्बे में बंद करके या किसी जानवर की पूंछ में पटाखे बांधकर उनमें आग लगा देते हैं। ऐसा बिल्कुल भी न करें। इससे उस जानवर की जान तक जा सकती है। या विस्फोट के बाद डिब्बे के टुकड़ों से लोगों के घायल होने की आशंका बनी रहती है।
ऐसे में रोशनी का पर्व धूमधाम से मनायें, साथ ही पूरी सावधानी भी बरतें। यह दीपावली आपके जीवन को नये प्रकाश, नयी आशाओं और सम्भावनाओं के साथ नयी ऊर्जा और खुशियां प्रदान करे, यही श्रीगणेश और माता महालक्ष्मी से प्रार्थना है। बरेली लाइव परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं।