Bareillylive : बार एसोसिएशन बरेली में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं तानाशाही के खिलाफ पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। धरना प्रदर्शन शंकर कुमार सक्सेना एडवोकेट, संजय वर्मा एडवोकेट, अंगन सिंह एडवोकेट की अगुआई में जारी रहा। धरने में लगभग 300 अधिवक्ताओं ने धरना स्थल पर आकर अपना समर्थन दिया। बड़ी बात यह रही के बार एसोसिएशन के निर्वाचित वरिष्ठ उपाध्यक्ष व कोषाध्यक्ष ने धरना स्थल पर आकर समर्थन दिया एवं बार के खातों में हो रही गड़बड़ियों पर खुलकर बताया।

गौरतलब है कि बरेली बार एसोसिएशन बरेली में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं तानाशाही के खिलाफ तीन अधिवक्ताओं ने धरना प्रदर्शन शुरू किया जो अब बड़ा आंदोलन का रूप ले चुका है, 27मार्च से प्रत्येक गुरुवार एवं शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे से साढ़े चार बजे तक शुरू किया गया धरना आज भी अनवरत रूप से जारी रहा।आज धरने में वरिष्ठ अधिवक्ताओ की उपस्थिति बड़ी संख्या में रही तथा धरने का समर्थन करते हुए अपने विचार भी रखे, जिनमें वरिष्ठ अधिवक्ता आर.पी.जौहरी ने कहा कि जब सत्ता बेलगाम हो जाए तो उसकी आलोचना भी जरूरी है और गलत कार्यों की भर्त्सना भी होना चाहिए जिसको तीन अधिवक्ताओं द्वारा उठाया गया है जिसका में समर्थन करता हूं और कहा कि एक बार मैं खुद अपने मेडिक्लेम की फाइल लेकर सचिव के पास गया तो उन्होंने मेरे साथ भी दुर्व्यवहार किया और मेडिक्लेम फाइल पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की है, उन्होंने कहा कि सभी से निवेदन करते है कि सही का साथ देवे और धरना प्रदर्शन शुरू करने वाले तीनों साथियों का मनोवल बढ़ाए और इस चुनाव में हम सभी को सही साथी को चुनकर लाना है।

वरिष्ठ अधिवक्ता हन्नान बेग ने कहा कि वो कुछ साथियों के साथ सचिव के पास किसी काम से गए तो सचिव ने स्पष्ट तौर से मना कर दिया और उनकी बात ही नहीं सुनी। वरिष्ठ अधिवक्ता मुजीबुर्रहमान ने कहा कि यह सचिव अब तक का सबसे भ्रष्ट और लालची सचिव है जिन मुद्दों के साथ यह सत्ता में आए उनमें से किसी भी मुद्दे पर काम नहीं किया किसी की बात भी नहीं सुनता है और न ही बार में कोई अधिवक्ता हित का कार्य किया है आज तक बार का हिसाब भी नहीं दिया जो कि बहुत शर्मनाक है।

वरिष्ठ अधिवक्ता शशिकांत शर्मा ने मंच से अध्यक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि अगर सचिव मांगो पर ध्यान नहीं दे रहा है तो अध्यक्ष को आगे आना चाहिए और यह कहे आकर कि सचिव चोर है अगर ऐसा नहीं करते है तो यह स्पष्ट है कि अध्यक्ष और सचिव दोनों मिलकर बार को लूट रहे है और कहा कि अध्यक्ष बरेली मेयर का चुनाव भी लड़ेंगे तो उनको एक आदर्श स्थापित करना होगा और पूरी कार्यकारणी सहित इस्तीफा देवे अन्यथा मांगो को पूरा करे। वरिष्ठ अधिवक्ता अजय सक्सेना निर्मोही ने आज भी समर्थन देते हुए कहा कि जूते के यार बातों से नहीं मानते है बेईमानों का चेहरा साफ हो गया है और अधिवक्ता साथियों से भी कहा कि इन तीनों आंदोलनरत अधिवक्ता साथियों को खुलकर समर्थन दे क्योंकि बीच की जिंदगी नहीं जी जाती है इस सत्ता का बेइमानी ही धर्म बन गया है।

वरिष्ठ अधिवक्ता उदय वीर सिंह ने कहा कि सचिव किसी भी अधिवक्ता का कोई सम्मान नहीं करते है, घमंड में रहते है उन्होंने इस कार्यकारणी को भंग किए जाने की मांग की। वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य फिरोज मोहम्मद ने भी आकर अपना समर्थन दिया। अधिवक्ता जितेंद्र गौतम ने कहा कि बरेली बार पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे भ्रष्ट बार है यह सब इस सचिव के द्वारा किया गया है। नए अधिवक्ता साथियों को चैंबर का लोलीपॉप देकर चुनाव जीत लेते है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा ओर कहा कि सचिव साहब कफ़न में जेब नहीं होती है कुछ साथ नहीं जाता है। अधिवक्ता शाकिर अंसारी ने भी कहा कि कोई चैंबर नहीं दिया जबकि 480 चैंबर खाली है।

आज के धरना प्रदर्शन में लगभग 170 साथियों ने हस्ताक्षर करके समर्थन दिया जिनमें मुख्य रूप से पुष्पा नागर, नूरजहां, सोनी तोमर, शैलेंद्र मौर्या, रश्मि, नईम आदिल, अनूप परमार, नबाब मियां, वशीर बेग, कपिल प्रसाद, राम प्रताप सिंह, सोमपाल पल सिंह, अशोक सक्सेना, महेश गंगवार, नेत्रपाल सिंह, सर्वेश सागर, विजय प्रकाश सक्सेना, रफत बेग, नरेंद्र गंगवार, अधिवीर आदि शामिल रहे।

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