बरेली। वरिष्ठ पत्रकार रामाबल्लभ शर्मा अब हमारे बीच नहीं रहे। शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021 को उनका निधन हो गया। उनके सान्निध्य में कलमकारी सीखे कई लोग पत्रकारिका में बड़ा नाम बने। कुछ अब भी सक्रिय हैं। वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जागरण में मुख्य उपसंपादक रहे अखिलेश सक्सेना को रामाबल्लभ शर्मा के साथ लंबे समय तक काम करने और सीखने का सौभाग्य मिला। रामाबल्लभ जी के गोलोकगमन पर प्रस्तुत है अखिलेश सक्सेना की यह भावपूर्ण संक्षिप्त टिप्पणी-

वरिष्ठ पत्रकार रामाबल्लभ शर्मा जी के निधन की खबर से मै स्तब्ध हूं। वे मेरे सीनियर थे, तो उनके पास मेरे बड़े भाई होने का ओहदा भी था। अमर उजाला में जब मैं उदित साहू जी के पास पत्रकारिता का ककहरा सीख रहा था तभी फरवरी 1986 में मुझे विश्वमानव में काम करने का अवसर मिला। गुरुजी की इजाजत लेकर विश्वमानव आ गया। यहीं मुझे रामाबल्लभ शर्मा जी का सान्निध्य प्राप्त हुआ। शर्मा जी नगर डेस्क के प्रभारी थे और मैं उनका सहयोगी। उनसे मुझे काफी सीखने को मिला। यहीं मुझे जनरल डेस्क इंचार्ज का दायित्व भी मिला। उनके विचार मुझसे काफी मिलते जुलते थे, इसलिए खूब पटती थी। मैं उनकी बेबाकी का कायल था। आगे चलकर दैनिक जागरण में भी उनका साथ मिला। उनके साथ बीते पल हमेशा यादों में बसे रहेंगे। उनका निधन मेरे लिए काफी तकलीफ देने वाला है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

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अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर आदि स्थानों पर विश्वमानव, दैनिक जागरण आदि में काम कर चुके वरिष्ठ पत्रकार नवीन बिष्ट का कहना है कि रामाबल्लभ शर्मा के निधन की खबर अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। दैनिक जागरण बरेली के प्रारंभिक दिनों में मुझे उनके सान्निध्य का सौभाग्य मिला था। तब मैं भी विश्वमानव से जागरण में आया था। उनकी विचारधारा और निचले तबके के उत्थान के प्रति उनकी चिंता ने मुझे प्रेरित किया। मुझसे जो बन पड़ा समाज के लिए किया। उनके लिए हृदय की गहराइयों से संवेदना, नमन। ओम शांति!

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