बरेली : महापौर उमेश गौतम को जेड श्रेणी की सुरक्षा की डीएम और एसएसपी की तरफ से रिपोर्ट लखनऊ भेज दी गई। यह बात अलग है कि महापौर का नाम लेकर दी गई धमकियों की जांच भी पुलिस पूरी नहीं कर सकी थी। न ही धमकी देने वाले की पहचान हो सकी।
प्रशासन और पुलिस ने जिस तरह महापौर की जेड श्रेणी सुरक्षा की मांग पर तत्परता दिखाई, उससे जिले के तीनों मंत्री भी पीछे छूट गए। प्रदेश सरकार के दोनों कैबिनेट मंत्री राजेश अग्रवाल, धर्मपाल सिंह और केंद्र सरकार में स्वतंत्र प्रभार के राज्य मंत्री संतोष गंगवार को सरकार से वाई श्रेणी की सुरक्षा ही प्राप्त है।
अभी भुगतान पर है महापौर की सुरक्षा
सरकार से जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा के मानकों के अनुसार जीवन भय और पद के अनुसार सुरक्षा की श्रेणियां निर्धारित हैं। सूत्रों के मुताबिक डॉ. उमेश गौतम को महापौर होने पर पदेन एक गनर दिया गया है। वहीं चार अन्य गनर भुगतान पर हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर दो गनर दिए गए हैं, जिनमें एक गनर का पूरा वेतन और दूसरे गनर का 25 प्रतिशत वेतन उमेश गौतम खुद वहन करते हैं। दो अन्य गनर नगर निगम के खर्च पर हैं।
कैबिनेट मंत्री तक वाई श्रेणी में
जेड प्लस सुरक्षा मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पदेन प्राप्त हैं। जबकि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, पूर्व मुख्यमंत्री व कुछ अन्य विशिष्ट व्यक्तियों को जेड श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है। राज्य के कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, लोकपाल व अन्य आयोगों के अध्यक्ष वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त हैं। सांसद और विधानसभा, विधान परिषद सदस्य को पदेन एक-एक गनर निश्शुल्क दिया जाता है। मंत्रिपरिषद सदस्य होने के नाते कैण्ट से विधायक राजेश अग्रवाल व आंवला के विधायक धर्मपाल सिंह वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त हैं। शासन से इन्हें एक उपनिरीक्षक या एचसीपी व चार गनर के साथ एस्कॉर्ट सुरक्षा दी गई है।
जिले में 28 व्यक्तियों को प्राप्त है सुरक्षा
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक जिले में वर्तमान में 28 लोगों को पदेन या जीवन भय के आधार पर सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। करीब 110 से अधिक पुलिसकर्मी सिर्फ गनर के तौर पर सुरक्षा में ही तैनात हैं। सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों में बरेली जिला, आंवला के लोकसभा सांसद, सभी नौ विधानसभा सदस्य भी शामिल हैं।