BareillyLive : एसआरएमएस रिद्धिमा में हुए एक कार्यक्रम में भारतीय और पाश्चात्य वाद्यतंत्रों की धुनों से श्रोता भावविभोर हो गए। संगीत गुरुओं ने प्रचलित और लुप्त हो चुके वाद्यतंत्रों की सरगम छेड़ कर रिद्धिमा के मंच को धुनों से सजा दिया। पहली प्रस्तुति में राग रागेश्वरी प्रस्तुति में क्लासिकल इंस्ट्रूमेंट्स का वादन हुआ। इसमें उमेश मिश्रा ने सारंगी, कुंवर पाल ने सितार, चंद्रमोहन ने बांसुरी, जनार्दन भारद्वाज ने हरमोनियम, सूर्यकांत चौधरी ने वायलिन की प्रस्तुति दी। दूसरी प्रस्तुति में इसमें तबला गुरु आकाश गुप्ता और सावन कुमार और उनके स्टूडेंट गुरंश सिंह, मंतिका अरोरा और उज्ज्वल अग्रवाल ने तबला पर मध्यम लय में तीन ताल का प्रदर्शन किया। इसमें सारंगी गुरु उमेश मिश्रा ने भी साथ दिया। तीसरी प्रस्तुति में राग कलाश्री पर फ्यूजन सामने आया। इसमें जोशुना बैले ने ड्रम पर हाथ आजमाया जबकि इजिप्ट के वाद्ययंत्र द्रबंगा सावन कुमार ने। इनका साथ रोनिक फिलिप ने सेक्सोफोन पर, सुरेंद्र सिंह ने कांगो पर और मुकेश ने बेस गिटार पर साथ दिया। चौथी और पांचवीं प्रस्तुति में भारतीय और पश्चिमी धुनों का फ्यूजन सामने आया। इसमें पाश्चात्य संगीत जगत का प्रसिद्ध वाल्ट म्यूजिक के साथ ही भारतीय धुनें प्रदर्शित की गईं। जिसे तबला पर सावन केवट, सितार पर कुंवर पाल, सारंगी पर उमेश मिश्रा, वायलिन पर सूर्यकांत चौधरी, हरमोनियम पर जनार्दन भारद्वाज, कीबोर्ड पर जोशुना बैले, तबला पर आकाश गुप्ता ने प्रस्तुत किया। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार, डा.रीटा शर्मा सहित शहर के गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।

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