महावीर जयंती पर शांतिदूत सम्मानमहावीर जयंती पर शांतिदूत सम्मान

बरेली : भगवान महावीर की जयंती पर ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन की ओर से गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रणधीर प्रसाद गौड़, मोहम्मद नवी और राजीव शर्मा के परामर्श से शायर एसए हुदा, गीतकार उपमेन्द्र कुमार सक्सेना एडवोकेट और कवि राम प्रकाश सिंह ओज को अंगवस्त्र और माल्यार्पण कर शांतिदूत उपाधि से नवाजा गया।

कमल टॉकीज परिसर में स्थित संस्था कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेसी पालीवाल ने की। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर का जन्म ईसा से लगभग 600 वर्ष पूर्व हुआ था। उस समय के हालात से विचलित होकर उन्होंने न सत्य और अहिंसा पर आधारित अहिंसा परमो धर्मा के लक्ष्य को लेकर दुनिया को संदेश दिया कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है। देवेन्द्र रावत एडवोकेट और महामंत्री मोहम्मद नवी ने कहा कि भगवान महावीर ने कहा था कि शांति से क्रोध को मारो, नम्रता से अभिमान को जीतो, सरलता से मोहमाया का नाश करो और संतोष से लोभ को काबू में लाओ। आज दुनिया में ये यह संदेश फलीभूत हो रहा है।    

इस अवसर पर रणधीर प्रसाद गौड़ की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। उपमेन्द्र सक्सेना एडवोकेट ने अपनी रचना में कहा, “नहीं मिला जो कुछ बंटना था, हम तो हैं जैसे के तैसे पापा भूखे प्यासे बैठे, उनके पास नहीं हैं पैसे।” रोहित राकेश ने कहा, “कभी न हिले वो बुनियाद चाहिये। वतन हमेशा ही आजाद चाहिये।” गजल राज ने कहा, “मुझको अपनाने में तुमको क्यों आती है शर्म कहो। कैसे हो जाओगे मेरे संग रह कर बेधर्म कहो।” राम प्रकाश सिंह ओज ने कहा, “जनतंत्र के विरोध में है संविधान क्या। अम्बेडकर का हम भुला दें योगदान क्या।”

कार्यक्रम में सुनील धवन, राजीव शर्मा टीटू, सैय्यद सिराज अली, हरजीत कौर, पवन कालरा आदि का सहयोग रहा।

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