नई दिल्ली। भारत में विश्व स्तरीय परिवहन प्रणाली (World class transportation system) विकसित करने की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार समुद्री नौवहन क्षेत्र (Marine shipping area) के विकास पर फोकस करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत में अगले 15 साल के दौरान समुद्री नौवहन क्षेत्र में 82 अरब डालर यानी 6 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। अगले 10 साल में 23 नए समुद्री जलमार्ग विकसित किए जाएंगे। बंदरगाहों में स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग बढ़ाया जाएगा, जलमार्गों का विकास होगा और तटीय क्षेत्र के इलाकों में मौजूद प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकासित किया जाएगा।
समुद्री नौवहन क्षेत्र पर आयोजित शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात कही। इस दौरान उन्होंने भारतीय बंदरगाहों, जलपोत कारखानों और जलमार्गों में निवेश के लिए वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित किया।
मोदी ने कहा कि सागरमाला परियोजना के तहत 574 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की गई है। इन पर 82 अरब डालर यानी छह लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इन परियोजनाओं पर 2015 से 2035 के बीच काम पूरा किया जाना है। सरकार अगले 10 साल में 23 जलमार्गों को परिचालन में लाने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार जलमार्गों के क्षेत्र में इस तरह से काम कर रही है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ। घरेलू जलमार्गों को लागत के हिसाब से काफी प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल पाया गया है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तटीय सीमा के साथ 189 प्रकाशस्तंभ हैं, जिनमें से 78 को बड़े पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की योजना बनाई गई है। प्रकाशस्तंभ का समुद्री नौवहन क्षेत्र में विशेष महत्व होता है। ये प्रकाशस्तंभ समुद्र तट पर स्थित होते हैं और इनसे समुद्री जलपोतों को मार्गदर्शन में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा, “सरकार इसके साथ ही समुद्री नौवहन क्षेत्र में स्वच्छ अक्षय ऊर्जा के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दे रही है। हम देशभर में सभी प्रमुख बंदरगाहों पर सौर और पवन ऊर्जा आधारित विद्युत प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं। हम 2030 तक सभी बंदरगाहों में इस्तेमाल होने वाली कुल बिजली में से 60 प्रतिशत से अधिक बिजली नवीनीकरण ऊर्जा से इस्तेमाल में लाने का उद्देश्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं।”
मोदी ने कहा कि भारतीय बंदरगाहों पर माल लेकर आने और जाने वाले जलयानों को अब अधिक प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती है। उन्होंने कहा, ”भारत समुद्री नौवहन क्षेत्र में विकास को लेकर बहुत गंभीर है, इसके साथ ही भारत अब दुनिया की समुद्री अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक प्रमुख ताकत के तौर पर उभर रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार घरेलू स्तर पर जहाजों के निर्माण और उनकी मरम्मत का बाजार विकसित करने पर भी ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर जलपोतों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिये भारतीय शिपयार्ड के वास्ते एक वित्तीय सहायता नीति को मंजूरी दी गई है। मोदी ने निवेशकों को भारतीय समुद्री नौवहन क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुये कहा, ”भारत की लंबी तटीय सीमा आपकी प्रतीक्षा में है। भारत के मेहनती लोग आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं, हमारे बंदरगाहों में निवेश करें, हमारे लोगों में निवेश करें। भारत को अपना तरजीही व्यापार स्थल बनाएं। व्यापार और वाणिज्य के लिएं भारतीय बंदरगाहों को अपना बंदरगाह बनाएं।”
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