वोटिंग शुरू होने के बाद सबसे पहले पार्टी के प्रत्याशी संजय सिंह ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उसके बाद सपा जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव व पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, विधायक अताउर रहमान, डा. अनिल शर्मा व संजय सिंह के पिता रामेश्वर दयाल सदस्यों के साथ कलेक्ट्रेट पहुचें। उन्होंने बारी-बारी से अपने मत का प्रयोग किया। अन्य पार्टी के प्रत्याशियों ने भी अपने सदस्यों के साथ मतदान में भाग लिया। उल्लेखनीय है कि बसपा प्रत्याशी के साथ उनके समर्थकों की संख्या गिनी चुनी होने के कारण मौके पर ही समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी संजय सिंह की जीत का फैसला मत गणना से पूर्व ही माना जा रहा था। जैसे ही मतदान की प्रक्रिया समाप्त हुई जिला निर्वाचन अधिकारी जिलाधिकारी गौरव दयाल ने चुनाव परिणाम की घोषणा करते हुये संजय सिंह को 50 मतों से विजयी घोषित किया।
चुनाव परिणाम की घोषणा होते ही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में हर्ष की लहर दौड़ गई। ढोल-नगाड़ो को बजाकर खुशी का इजहार किया गया। वहीं अन्य राजनीतिक दल के लोग मायूस होकर लौट गये । यहां बतादें कि जिला पंचायत के चुनाव के लिए एक जनवरी 2016 को नामांकन व नामांकन पत्रों की जांच। चार जनवरी को नाम वापसी की तिथि निर्धारित की गई थी। इससे पूर्व निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फरीदपुर क्षेत्र के विधायक सियाराम सागर की पुत्रवधु कल्पना सागर चुनाव मैदान में थी। श्री सागर ने कल्पना को पार्टी प्रत्याशी घोषित कराने के लिए कड़ी मशक्कत की, लेकिन 3 जनवरी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का फैक्स आ जाने के बाद ही यह निश्चित हो गया था कि संजय सिंह ही सपा के प्रत्याशी होगें।
प्रदेश मुखिया अखिलेश यादव से प्राप्त निर्देश के अनुसार पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव , पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार, विधायक अता उर रहमान, डा.अनिल शर्मा आदि ने फरीदपुर जाकर सियाराम सागर उनके वेटे विशाल पार्टी मुख्यिा का फरमान सुनाकर नाम वापसी का आग्रह किया। काफी मशक्कत के बाद उन्होंने पार्टी हाईकमान के निर्णय को स्वीकार किया जिसके चलते तीन जनवरी को जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव के साथ गये शिष्ट मण्डल के साथ कल्पना सागर ने जिला निर्वाचन अधिकारी गौरव दयाल के समक्ष उपस्थित होकर भारी मन मैदान छोड़ दिया।