आंवला (बरेली)। उपजिलाधिकारी ने आंवला क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में बच्चों को दिये जा रहे मिड-डे-मील यानि मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता जांची। यहां आटे और चावल में घुन और कीड़े निकले। भोजन भी मीनू के विपरीत बनाया गया था। कुछ स्कूलों में बच्चों की अनुपस्थिति भी ज्यादा थी। भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब मिली। उन्होंने रिपोर्ट बनाकर कार्रवाई की संस्तुति करते हुए शासन को भेज दी है।
बता दें कि सरकार द्वारा छात्र-छात्रों को कुपोषण से बचाने के लिए विद्यालयों में मिड-डे मील की योजना लागू की गई थी। विद्यार्थियों को संतुलित आहर मिल सके, इसके लिए प्रत्येक वर्ष भारी-भरकम बजट की व्यवस्था सरकारों द्वारा की जाती है। इसके विपरीत हकीकत कुछ और ही है। अनेक विद्यालयों में निम्न गुणवत्ता का भोजन परोस कर भारी गोलमाल किया जा रहा है।
जिलाधिकारी के निर्देशों पर आंवला क्षेत्र के अनेक प्राथमिक विद्यालयों में एडीएम अरूण कुमार और तहसीलदार शर्मनानंद ने शनिवार को औचक निरीक्षण किया। एसडीम द्वारा ब्लाक आलमपुर जाफराबाद के 5 विद्यालयों व तहसीलदार द्वारा मझगवां के विद्यालयों को चेक किया। अधिकांश स्थानों पर एमडीएम यानि मिड डे मील की गुणवत्ता काफी खराब थी। ग्राम पथरा के विद्यालय में तो आटे में घुन व कीड़े मिले जिसको देखकर उपजिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। अधिकांश स्थानों पर मीनू के अनुसार खाना नहीं बनाया गया था।
भमोरा के विद्यालय में मीनू के अनुसार चावल व सोयाबीन बनाया जाना था किन्तु वहां अरहर की दाल व चावल बने थे। विद्यालय में कुल पंजीकृत 235 विधार्थियों में से 56 अनुपस्थित थे। इसके अलावा मकरंदपुर के दोनो विद्यालयों, मोतीपुरा में भेजन की गुणवत्ता बेहद घटिया थी। इसके अलावा मोहब्बतगंज गौटिया, लेहारी, मानपुर मण्डोरा व कुंवरपुर के विद्यालयों में भी औचक निरीक्षक किया गया। इनमें लोहारी के अलावा अन्य स्थानों पर गुणवत्ता घटिया थी। उपजिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी है।