बरेली। 1857 की क्रांति के नायक रुहेला सरदार नवाब खान बहादुर खान के वंशज नवाब शफ्फन खान का बुधवार को सुबह इंतकाल हो गया। वह 80 साल के थे। दोपहर बाद उनके निवास के पास स्थित भूड़ कब्रिस्तान में उनको सुपुर्देखाक किया गया।
नवाब शफ्फन खान के निधन की जानकारी होते ही प्रशासन और पुलिस के उच्च अधिकारी उनके निवास पर पहुंच गए। विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोगों का भी उनके निवास पर पहुंचना शुरू हो गया।
एक महान क्रांतिकारी का वंशज होने के बावजूद नवाब शफ्फन खान का पूरा जीवन मुफलिसी में बीता। वह सरकार की उपेक्षा शिकार रहे। उनके पुत्र सलीम खान ने बताया जीवनभर साइकिल की दुकान चलाकर क्रांति के महानायक के वंशज ने स्वयं व अपने परिवार का भरण-पोषण किया। और तो और उनके निवास स्थान भूड़ मोहल्ले के ही तमाम लोगों तक को नहीं मालूम था कि वे रुहेला सरदार नवाब खान बहादुर खान के वंशज हैं।