आईवीआरआई में ‘अपस्ट्रीम रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी’ पर शार्ट टर्म कोर्स बरेली। भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान में 21 दिनों के एक लघु अवधि पाठ्यक्रम यानि शार्ट टर्म कोर्स का समापन गुरुवार को हुआ। इस कोर्स का विषय था ‘अपस्ट्रीम रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीस फॉर ऑगमेन्टेशन ऑफ लाइवस्टॉक प्रोडक्शन’। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित तथा दैहिकी एवं जलवायुकी विभाग के सेन्टर ऑफ एडवान्स फैकल्टी ट्रेनिंग द्वारा आयोजित इस कोर्स में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात एवं तमिलनाडु के अध्यापक, शोधकर्ता एवं वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक एवं कुलपति डा. राज कुमार सिंह प्रशिक्षुओं को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि दैहिकी के अध्ययन के बिना पुनरूत्पादन के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। कहा कि ऐसे लघु आवधिक पाठ्यक्रमों से हम सम्बन्धित विषय में आने वाले तथा वर्तमान तकनीकियों को जान पाते हैं। बताया कि आगामी दिनों में वाराणसी में पशुपालन पर दो दिनों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें संस्थान के वैज्ञानिकों को यहां की शल्य चिकित्सा एवं पुनरूत्पादन का जीवन्त प्रदर्शन प्रधानमंत्री के समक्ष करने का अवसर मिलेगा।

सेन्टर ऑफ एडवान्स फैकल्टी ट्रेनिंग की निदेशक एवं दैहिकी एवं जलवायुकी विभाग की विभागाध्यक्षा डा. जी. तरू शर्मा ने कहा कि इस पाठ्यक्रम में मुख्य फोकस पुनरूत्पादन की वृद्धि पर रहा। पाठ्यक्रम के संयोजक डा. विकास चन्द्रा ने बताया कि कोर्स के दौरान केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनउ, वाराणसी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार आदि से आये अतिथि फैकल्टी के व्याख्यान आयोजित किये गये।

अंत में संस्थान निदेशक एवं कुलपति डा. राज कुमार सिंह ने प्रशिक्षुओं को पाठ्यक्रम के प्रमाण पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र, वैज्ञानिक, कर्मचारी आदि उपस्थित थे।

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