राम कथा सार है बंधु ,राम जगत आधार है बंधो।”

बरेली लाइव। तुलसी जयंती के पावन पर्व पर श्री रामायण मंदिर बरेली में श्री राम का जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित श्री राम कथा के तृतीय दिवस में कथा के दौरान भक्तों द्वारा राम जन्म उत्सव बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया जिसका सभी ने खूब आनंद लिया।
कथानायक देवी जी के मुखारविंद से राम लखन भरत शत्रुघ्न चारों भाइयों के जन्म की कथा व उससे पूर्व में सूर्यवंश का वर्णन जैसे सूर्यवंश में कौन-कौन राजा हुए, उन राजाओं के नाम, अंत में राजा दशरथ के कोई संतान ना होने पर दशरथ जी को ग्लानी हुई “एक बार भूपति मन माही भए गिलानी मोरे सुत नाहीं” संतान न होने का दुख राजा दशरथ को सताने लगा। फिर राजा दशरथ अपने गुरु के आश्रम गए गुरुजी से निवेदन किया गुरुदेव ने राजा दशरथ का आग्रह स्वीकार करते हुए उनको आदेश दिया कि आप पुत्रअस्ति यज्ञ कराओ। उसके बाद वशिष्ठ, विश्वामित्र, भरद्वाज आदि ऋषियों ने राजा दशरथ के यहां पुत्र यज्ञ किया, यज्ञ पूर्णाहुति के पश्चात यज्ञ से भगवान प्रकट हुए अपने हाथों में चरू अर्थात खीर का कटोरा लेकर। भगवान ने वह खीर राजा दशरथ को दी और आशीर्वाद दिया इस खीर को ग्रहण करने से आपकी रानियां गर्भ को धारण करेंगी।
यह आशीर्वाद सुनकर राजा दशरथ अति प्रसन्न हुए। राजा दशरथ ने खीर के दो भाग किए आधा भाग कौशल्या को और आधा भाग केकई को दिया कौशल्या और केकई ने अपने अपने भाग से आधा आधा रानी सुमित्रा को दे दिया। खीर को ग्रहण करने के पश्चात तीनों रानियों ने गर्व धारण किया। नवे महीने में राजा दशरथ के महल में खुशियों का आनंद हुआ मां कौशल्या के गर्भ से प्रभु राम, केकई के गर्भ से भरत, सुमित्रा के गर्भ से लखन और शत्रुघ्न पैदा हुए। राजा दशरथ के आंगन में चार पुत्रों के आगमन पर पूरी अयोध्या नगरी को सजाया गया सभी बधाई गा रहे हैं संत ब्राह्मण आशीर्वाद दे रहे हैं, प्रकृति भी ख़ुशी से झूम उठी है।
कथा में भजन गायक जगदीश भाटिया, मनोज अरोड़ा, पवन अरोड़ा, दिनेश, जगदीश अरोड़ा, उत्कर्ष, कुक्की अरोड़ा, सत्येंद्र पांडे आदि का सहयोग रहा। मुख्य यजमान श्रीमती नीतू एवं श्री राधे श्याम भाटिया रहे l

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