बरेली @BareillyLive. भजन आत्मरंजन का साधन है, इसे जब कोई मनोरंजन की तरह पेश करता है तो बहुत दु:ख होता है। भजन को मनोरंजन न बनाएं। भजनों व भक्ति गीतों में रैंप का इस्तेमाल करने वालों का विरोध समाज को करना चाहिए। लेकिन दु:ख की बात है ऐसे कार्यक्रमों में समाज के लोग पहुंचते हैं, इसका आनन्द लेते हैं। मुझे तकलीफ होती है तो अकेले में बैठकर दु:खी हो लेता हूं। यह बात श्याम भजन गायक नंद किशोर शर्मा उर्फ नन्दू भैया ने यहां पत्रकारों से कही।
नन्दू भैया ने कहा कि आज लोग राम को तो मान रहे हैं लेकिन राम की नहीं मान रहे हैं। एक सवाल के जवाब में बोले कि बच्चों और युवाओं को माता-पिता, गुरु और बुजुर्ग की बात माननी चाहिए। उनका अपमान नहीं करना चाहिए। कहा कि गुरु और माता-पिता ही चाहते है कि उनका शिष्य या बेटा उनसे बड़ा बने। गुरु की पहचान शिष्य से और माता-पिता की उनके बेटे से हो।
नन्दू भैया ने कहा कि जो लोग दिखावे के आयोजन करते हैं, वह उनका ईगो करवाता है। वास्तव में सब बड़ा दिखना चाहते हैं लेकिन छोटा होना बहुत मुश्किल है। लेकिन जो छोटा हो गया वही असल में सबसे बड़ा होता है। इसके लिए उन्होंने रामभक्त हनुमान जी का उदाहरण दिया। बोले-सर्व समर्थ होने के बावजूद हनुमान जी की विनम्रता पूजनीय है।
उन्होंने कहा कि जो लोग भजनों को पाश्चात्य ढंग से गा रहे हैं वे परमात्मा के लिए नहीं बल्कि पैसों के लिए गा रहे हैं। ऐसे लोग रुपये के लिए कोई भी समझौता कर सकते हैं। एक सवाल पर नन्दू भईया ने कहा कि वेद और पुराण में जिसका वर्णन है उसी को मानना चाहिए। पाखंड का विरोध करना चाहिए।
बता दें कि कल शनिवार को श्री त्रिवटीनाथ मंदिर के श्रीराम कथा स्थल पर नन्दू भैया श्री श्याम गुणगान महोत्सव में अपने भजनों की सरिता बहायेंगे। इससे पूर्व नन्दू आज नन्दू भैया का बरेली पहुंचने पर श्याम परिवार के सदस्यों ने अभिनन्दन किया। स्वागत करने वालों में नरेंद्र कुमार टिल्लू, श्याम कृष्ण गुप्ता, नीरज अग्रवाल, विक्रम अग्रवाल, बीएम सोनी, आशीष बॉस, श्याम बिहारी गोयल, राहुल जौहरी आदि शामिल रहे।