Bareillylive : एसआरएमएस रिद्धिमा में रविवार (22 दिसंबर 2024) की शाम प्रमुख संगीतकार सलिल चौधरी को उनके जन्म शताब्दी वर्ष पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। रिद्धिमा के गायन गुरुओं और विद्यार्थियों ने उनके संगीतबद्ध कर्णप्रिय गीतों को गाकर उन्हें याद किया। कार्यक्रम का आगाज वादन गुरु अमरनाथ ने शंख ध्वनि से किया। वादन गुरु हिमांश चंद्रा और गायन की विद्यार्थी अंशुमा ने ‘इतना ना मुझसे तू प्यार बढ़ा’ को अपनी आवाज में प्रस्तुत किया। विद्यार्थी गौरी गोयल ने ‘तस्वीर तेरी दिल में’, शालिनी पांडेय ने ‘ओ सजना बरखा बहार आई’, स्वारित तिवारी ने ‘सुहाना सफर और ये मौसम’, विद्यार्थी डा.अनुज कुमार ने ‘जिंदगी कैसी है पहेली’ को अपनी सुरीली आवाज में प्रस्तुत कर श्रोताओं की तालिया बटोरीं। गीत ‘जा रे जा रे जा रे उड़ जा रे पंक्षी’ को गायन गुरु प्रियंका ग्वाल ने भैरवी शुद्ध राग में हिंदी में प्रस्तुत किया। जबकि इसी गाने ‘जा रे जा रे उड़ जा रे पाखी’ को भरतनाट्यम गुरु तनाया भट्टाचार्य ने अपनी आवाज में बांग्ला भाषा में प्रस्तुत किया।
अतिथि कलाकार रीता शर्मा ने ‘रोज अकेली आय रोज, रोज अकेली जाय’ को अपनी आवाज में प्रस्तुत किया। जबकि गायन गुरु स्नेह आशीष दुबे ने ‘मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने’ को गाकर सलिल चौधरी, मुकेश और गुलजार की जुगलबंदी की याद दिला दी। गुरु प्रियंका ग्वाल ने ‘ना जिया लागे ना’ और स्नेह आशीष दुबे के साथ अतिथि कलाकार इंदू परडल ने ‘दिल तड़प तड़प के कह रहा’ को अपनी जुगलबंदी से कर्णप्रिय बना दिया।
कार्यक्रम के अंत में गायकों ने देश के सबसे बड़े शो मैन राज कपूर की कर्णप्रिय गानों के मुखड़ों को प्रस्तुत कर उन्हें भी जन्म शताब्दी वर्ष पर श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने वाद्ययंत्रों के साथ इंस्ट्रूमेंटल गुरु उमेश मिश्रा (सारंगी/हारमोनियम), सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), हिमांश चंद्रा (गिटार), अमर नाथ (तबला), सुमन बिस्वास (बोंगो/एग शेकर्स), सूरज पांडेय (बांसुरी), अनुग्रह सिंह (की-बोर्ड), टुकमनी सेन (हारमोनियम), रॉनी फिलिप्स (सैक्सोफोन), सुरेंदर (कांगो) ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति जी, उषा गुप्ता जी, आदित्य मूर्ति जी, डा. प्रभाकर गुप्ता और शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।