नई दिल्ली। लगातार हार से बेजार और संवादहीनता का शिकार कांग्रेस में आखिरकार शनिवार को संवाद शुरू हुआ। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर नराज बताए जा रहे नेताओं (जी-23) समेत पार्टी के शीर्ष नेता एक साथ बैठे और बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। बैठक में असंतुष्टों की नाराजगी दूर करने के साथ-साथ पार्टी को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक के बाद वरिष्ठ नेता पवन कुमार बंसल ने कहा कि पार्टी में किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं है। सभी पार्टी में ऊर्जा भरने के लिए एकजुट होकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
10 जनपथ में पांच घंटे से अधिक चली इस बैठक में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य व पदाधिकारियों समेत असंतुष्ट धड़े के नेता मौजूद रहे।
बैठक के बाद पवन कुमार बंसल ने कहा, “कांग्रेस की रणनीतिक बैठक में सकारात्मक चर्चा हुई। सभी स्तरों पर पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर नेताओं ने बात की। कांग्रेस में कोई फूट नहीं है, सभी एकजुट होकर पार्टी में ऊर्जा भरने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने बताया, “सोनिया गांधी ने कहा कि हम सभी एक बृहद परिवार हैं और हमें पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए।”
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इसे लेकर यह पहली बैठक थी। शिमला और पंचमढ़ी की तर्ज पर कॉन्क्लेव होगा। उन्होंने कहा, “हमने पार्टी के भविष्य को लेकर चर्चा की। यह एक रचनात्मक बैठक थी जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की मौजूदा स्थिति और इसे मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।”
बैठक में पी. चिदंबरम, गुलाम नबी, आनंद शर्मा, अशोक गहलोत, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अंबिका सोनी जैसे बड़े नेता शामिल हुए।
गौरतलब है कि गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल समेत 23 नेताओं (जी-23) ने इसी साल 23 अगस्त को सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए थे। बैठक के बाद इस G-23 में शामिल नेताओं की तरफ से तत्काल कोई बयान नहीं आया है।
माना जा रहा है कि शनिवार की बैठक में पार्टी अध्यक्ष समेत संगठन चुनाव पर भी चर्चा हुई लेकिन कांग्रेस की तरफ से इस पर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है। कांग्रेस में नाराज बताए जा रहे नेता भी जल्द से जल्द अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की मांग कर चुके हैं। संयोग देखिए कि शनिवार को ही राहुल गांधी की करीबी व कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई की राष्ट्रीय प्रभारी रुचि गुप्ता ने संगठन चुनाव में देरी का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया।