अलविदा विशेष

BareillyLive. बरेली के बीसलपुर रोड स्थित एसआर इंटरनेशलन स्कूल में खेल के दौरान सिर में चोट लगने से कक्षा 7 के एक विद्यार्थी की मौत हो गयी। 12 वर्षीय छात्र विशेष श्रीवास्तव बरेली की रामवाटिका कॉलोनी का निवासी था। छात्र की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। बुधवार को छात्र का अंतिम संस्कार सिटी शमसान भूमि में कर दिया गया। छात्र की मां समेत परिजन ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्कूल बंद कराने की मांग की है।

जानकारी के अनुसार शनिवार को एसआर इंटरनेशलन स्कूल के मैदान में खेल पीरियड के में बच्चे खेल रहे थे। वहीं विशेष अपने दोस्तों के साथ बास्केटबॉल कोर्ट में किसी पोल से लटका था। किसी तरह विशेष नीचे गिर गया और इसी के साथ ही पोल भी उस पर आ गिरा।

पोल से उसके सिर में भारी चोट आ गयी और खून बहना शुरू हो गया। आरोप है कि हादसे के वक्त वहां कोई टीचर मौजूद नहीं था। साथी बच्चों ने दौड़कर शिक्षकों बताया तो विशेष की हालत देखते हुए उसे आनन-फानन में पीलीभीत रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां वह आईसीयू में रखा लेकिन बाद में और बेहतर इलाज के परिजन उसे मेदान्ता और सर गंगाराम अस्पताल ले गये। वहां के चिकित्सकों ने भी उसे इलाज दिया और हालत बिगड़ती देखकर बरेली ही ले जाने को कहा। उसे वापस बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। वहां इलाज के दौरान विशेष ने मंगलवार की रात दम तोड़ दिया।

अपने परिवार के साथ विशेष। फाइल फोटो

विशेष की मौत से उसके परिवार में कोहराम मच गया वहीं स्कूल प्रबंधन पर अनेक सवाल खड़े गये। परिजन का कहना है कि अगर बच्चों के खेलते समय वहां पर कोई टीचर मौजूद होता तो विशेष के साथ ये हादसा नहीं होता।

उनका कहना है कि अगर स्कूल प्रशासन उनके बच्चे पर सही तरीके से ध्यान देता तो उनके बच्चे की जान नहीं जाती। बता दें कि विशेष घर का इकलौता बेटा और बहन का इकलौता भाई था।

स्कूल प्रबन्धन का लापरवाही से इनकार

स्कूल प्रबन्धन के अनुसार विशेष एक होनहार छात्र था। उसकी मृत्यु जमीन पर गिरने से मृत्यु हुई है, बास्केटबॉल पोल गिरने से नहीं। स्कूल का दावा है कि पोल पुरी तरह से सुदृढ़ स्थिति में खड़ा है। छात्र की असामयिक मृत्यु से पूरा स्कूल प्रबंधन व प्रशासन बेहद दुःखी है। स्कूल ने एक प्रेसनोट जारी कहा है कि विशेष का सिर पोल से टकराया और जमीन पर गिरने से चोट लगी है। मैदान में घटना होने पर तत्काल शिक्षकों द्वारा बच्चे को निजी अस्पताल में इमरजेंसी ट्रीटमेंट के लिए ले जाया गया था।

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