बदायूं@BareillyLive. बदायूं शहर में एक स्कूल कर कक्षा सात की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में रविवार को मौत हो गयी। परिजन का आरोप है कि उसे बुखार से पीड़ित होने के बावजूद स्कूल में उनका टीकाकरण किया गया, जिससे बच्ची की मौत हो गयी। वहीं स्कूल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है।
बताया जाता है कि डी पॉल स्कूल में टीकाकरण दौरान ही कक्षा सात की छात्रा को 22 अगस्त को स्कूल में ही वैक्सीन लगी थी।
बदायूं शहर के काली सड़क पर नैना स्वीट्स के पास रहने वाले समर्थ रस्तोगी अपनी 13 वर्षीय पुत्री वैष्णवी कल रात उल्टी और पेट दर्द होने पर इलाज के लिए बरेली ले जा रहे थे। रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। वह शहर के डी पॉल स्कूल की कक्षा सात की छात्रा थी।
समर्थ रस्तोगी ने बताया कि बीती 22 अगस्त को स्कूल में दिमागी बुखार और जापानी बुखार से बचाव को टीकाकरण अभियान के तहत वैक्सीन लगाई गई थी। उनकी बच्ची को पहले से बुखार आ रहा था। छात्रा को उल्टी और पेट दर्द की शिकायत हो गई थी जिस पर उन्होंने डॉक्टर कुमार बसु से इलाज कराया था।
डॉक्टर बसु का कहना है कि उन्होंने दो-तीन दिन हमारे यहां इलाज कराया। वह बरेली इलाज के लिए ले जा रहे थे कि रास्ते में बच्ची की मौत हो गई। वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है स्वास्थ्य विभाग की टीम ने टीकाकरण किया था। बच्ची टीकाकरण के बाद भी स्कूल आती रही। बच्ची और उनके परिजनों ने कोई शिकायत नहीं की। अन्य सभी बच्चे टीकाकरण के बाद पूरी तरह स्वस्थ हैं किसी को कोई समस्या नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बच्ची की मौत के बाद टीम स्कूल पहुंची और जिन बच्चों के टीकाकरण हुए थे सभी से पूछताछ की किसी बच्चे को कोई समस्या सामने नहीं आई है।
सीएमओ डॉक्टर रामेश्वर मिश्रा ने बताया कि अभिभावकों के आरोप गलत है। उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दिमागी बुखार से बचाव के लिए टीकाकरण कराया जा रहा है। यह बच्चों के हित में है। किसी बच्चे को कोई समस्या उत्पन्न नहीं हो रही है। अभी तक कहीं से कोई शिकायत नहीं आई है।
-बदायूं से विष्णुदेव चाण्डक की रिपोर्ट।