मामला आंवला तहसील के ग्राम अतरछेड़ी का है। पिछली सपा सरकार ने मंडल स्तर पर मॉडल स्कूलों के रूप में 7 विद्यालयों को मंजूरी दी थी। इनमें से एक मझगवां विकास खण्ड के ग्राम अतरछेंडी में स्थापित किया गया। करोडों की लागत से यहां समाजवादी अभिनव इण्टर कालेज की स्थापना की गई। इसके पीछे उद्देश्य था कि ग्रामीण अंचलों में रहने वाले बच्चों को सीबीएसई माध्यम की शिक्षा उपलब्ध हो सके।
अप्रैल 2016 में विद्यालय का संचालन सुचारू रूप से प्रारम्भ हुआ। उस समय विद्यालय में 8 शिक्षकों का अटैचमेण्ट किया गया था। कोई स्थायी नियुक्ति नहीं की गयी थी। साथ ही राजकीय विधालय औरंगाबाद फरीदपुर में तैनात प्रधानाचार्य को भी यहां से सम्बद्ध कर दिया।इन्हीं उधार के शिक्षकों के सहारे सरकार अपना ड्रीम प्रोजेक्ट संचालित करने लगी। खैर, जैसे-तैसे अध्ययन-अध्यापन चलता रहा।
गत वर्ष जब सरकार बदली तो इस विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था की और दुर्गति होने लगी। सम्बद्ध किये गये शिक्षक एक-एक करके यहां से स्वयं को मुक्त कराते गये। शिक्षकों का अन्यत्र समायोजन हो जाने और इस अतरछेड़ी में नयी नियुक्ति न होने से कक्षा 10 तक की कक्षाएं सिर्फ दो शिक्षकों के सहारे होकर रह गयीं। परिणामस्वरूप विद्यार्थियों को अपना भविष्य चौपट होता नजर आने लगा।
विद्यालय की छात्रा तनु चौहान और छात्र उदय चौहान ने बताया कि वह विद्यालय में पिछले तीन साल से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शुरू में 8 अध्यापक थे परन्तु अब मात्र दो अध्यापकों के सहारे व्यवस्था चल रही है। मैथ, अंग्रेजी, बायोलॉजी, साइंस के टीचर ही नहींं है। टीचर आते हैं , चले जाते हैं यहां अध्यापक यहां रूकना ही नहीं चाहते। बिजली की व्यवस्था भी यहां चौपट है। पहले हमें विद्यालय में ही खाना मिलता था, अब वह भी बंद हो गया हैं।
अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय मेंं तैनात कोई भी शिक्षक यहां रुकना नहीं चाहता। यहां तैनात शिक्षक, विभाग से सेटिंग करके अन्यत्र चले जाते हैं। साल में अनेक बार टीचर की बदली होने से यहां की शिक्षण व्यवस्था चौपट हो गई है। हमने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजी तो जबाब आया कि नए सत्र 2018 से व्यवस्था दुरूस्त कर दी जाएगी, परन्तु व्यवस्था दुरूस्त होना तो दूर यहां तैनात शिक्षक डा. अभिनव भारद्वाज व हर्षित शर्मा का स्थानान्तरण और हो गया। इस वर्ष हाईस्कूल उत्तीर्ण होने वाले विधार्थियों को अभी तक अंकपत्र तक वितरित नहीं हुआ है।
प्रधानपुत्र अतुल सिंह एडवोकेट का कहना है कि बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर हमने अनेक बार जेडी को फोन पर शिकायत की, परंतु वह इसको गंभीरता पूर्वक नहीं लेती है।
प्रधानाचार्य गिरीश सिहं यादव ने बताया कि हाईस्कूल की मान्यता प्राप्त इस बिद्यालय में 256 बच्चे पंजीकृत हैं। नया सत्र प्रारम्भ से मात्र दो अध्यापक ही स्कूल आते हैं। विज्ञान, गणित, अग्रेजी के अध्यापक न होने के कारण शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई है जिसके चलते बच्चों ने नाराजगी है। इसी को लेकर विधार्थियों ने आज भूख हड़ताल की है।
बच्चों की भूख हड़ताल की सूचना जैसे ही तहसील प्रशासन को मिली, अफसर सकते में आ गये। तत्काल जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस और शिक्षा विभाग के आला अफसरों को सूचना दी गयी। आनन-फानन में अधिकारी विद्यालय में पहुंचने लगे। यहां संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा ने आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के अंदर शिक्षा व्यवस्था सुचारू कर दी जाएगी। यहां पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती की जाएगी तब जाकर विधार्थियों ने हड़ताल समाप्त की।
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