समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरपाल िंसंह यादवआँवला। पूर्व राज्यसभा सांसद और समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष वीरपाल िंसंह यादव के समर्थन में सपा से इस्तीफों का दौर जारी है। रविवार को करीब दो दर्जन लोगों ने शिवपाल यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चे में आस्था व्यक्त करते हुए सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उधर अखिलेश यादव में आस्था रखने वालों का कहना है कि लगातार इस्तीफों से पार्टी का कचरा साफ हो गया है।

आंवला-रामनगर रोड स्थित एक बारातघर में लोहिया वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष अवनीश तिवारी के नेतृत्व में एकत्रित कार्यकर्ताओं ने वीरपाल िंसंह में आस्था व्यक्त करते हुए सपा छोड़ दी। यहां मौजूद पूर्व चेयरमैन रईस अहमद, हाजी शकील अहमद अंसारी, फुरकान अली, नरदेव सिंह, कुड्ढा प्रधान आदेश यादव ने कहा कि हम सभी पूर्व सांसद वीरपाल िंसह जी के साथ हैं। कहा कि वीरपाल सिंह ने पार्टी की स्थापना से लेकर अब तक निरन्तर संघर्ष किया। पार्टी को बरेली जिले में स्थापित करने का कार्य किया। ऐसे व्यक्ति की समाजवादी पार्टी संगठन में पिछले काफी समय से उपेक्षा की जा रही थी। हम सभी अब अपनी आस्था सामजवादी सेक्युलर मोर्चे में व्यक्त करते हैं।

वहीं पूर्व जिला सचिव अवनीश तिवारी एडवोकेट ने प्रदेश अध्यक्ष को अपने समर्थकों के हस्ताक्षरयुक्त पत्र भेजकर कहा है कि जिला नेतृत्व समाजवादी पार्टी को एक टेबिल टेनिस के रूप में चलाने लगा है। संगठन में वरिष्ठों का अपमान किया जाता है। पालिका के चुनाव में ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया गया जो कि नगर में दंगे का आरोपी था। इतना ही नहीं जिला नेतृत्व ने स्वयं उन्हें संग्रह अमीन का कार्य दिया जिसे करने से उन्होनें मना कर दिया। इससे नाराज जिला नेतृत्व ने मुझे मेरे पद से हटा दिया।

यहां पर गुलशन मिश्रा, राघवेन्द्र यादव, अशोक वर्मा, राकेश कुमार नरेश यादव, ऐवरन सिंह, उमेश पाल, अफसर खां, निसार अहमद, नूर अहमद आदि मौजूद रहे।

पार्टी से हुआ कूड़ा-करकट साफ

विधानसभा प्रभारी डा0 इन्द्रपाल सिंह यादव का कहना है कि यह वह लोग है जिन्होनें पिछले अनेको चुनावों में भितरघात किया था। आज पार्टी से कूडा-करकट साफ हो गया। इन लोगों की पार्टी अखिलेश यादव में आस्था थी ही नहीं। इनके जाने से पार्टी को कोई भी नुकसान नहीं होने वाला है। इनमें से कई को तो पार्टी पहले ही बाहर का रास्ता दिखा चुकी है।

पूर्व चेयरमैन सैयद आबिद अली का कहना है, पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा है कि दंगे वाले दिन मैं शहर में ही नहीं था। अब क्या मुझे अवनीश तिवारी से इसका प्रमाण पत्र लेना होगा। यह वह लोग हैं जिन्होंने विधानसभा व पालिका चुनावों मेंं पार्टी और हमें हराने का काम किया था। इनके जाने से पार्टी साफ-सुथरी व पवित्र हो गई है।

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