Bareillylive : आयु बोले ही 76 वर्ष हो गई हो पर योगेश चरण जौहरी उर्फ सुबोध जौहरी आज भी अपने को युवा ही मानते हैं। आज भी वह कई संस्थाओं के अध्यक्ष हैं। उनकी दिनचर्या भी काफी व्यस्त रहती हैं। मूलतः कांग्रेस की विचारधारा से प्रभावित सुबोध जौहरी बरेली में युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के अलावा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य के अलावा भारत सेवक समाज के मंडल अध्यक्ष भी हैं।

बरेली कमिश्नरी बार में अपने पिता के सानिध्य में 1974 में वकालत शुरू करने वाले सुबोध जौहरी अपनी वकालत के भी 50 वर्ष पूरे कर चुके हैं। जिस पर उन्हें कमिश्नरी बार एसोसिएशन ने 16 अक्टूबर 2024 को सम्मानित भी किया था। सुबोध जौहरी का जन्म बरेली में कुंवरपुर निवासी श्री हृदय चरण जौहरी एडवोकेट एवं माता राजेश्वरी जी के यहां 3 फरवरी 1948 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा तिलक इंटर कॉलेज बरेली मे हुई। बीएससी एवं कानून की पढ़ाई उन्होंने बरेली कॉलेज से की। जो उस समय आगरा विश्वविद्यालय से संबध्द था। उनका विवाह मीना राय के साथ 1976 में हुआ। उनका बेटा सचिन बंगलौर में तथा विवाहित बेटी पूजा दिल्ली में अपने परिवार के साथ निवास करती है। सुबोध जौहरी अपने विद्यार्थी काल से ही कांग्रेस से जुड़े रहे। यही नहीं रोटरी क्लब बेस्ट में दो बार अध्यक्ष एवं पूर्व असिस्टेंट गवर्नर रहे।

यू पी रेड क्रॉस सोसायटी, सिविल डिफेंस के अलावा भारत सेवक समाज, बरेली कमिश्नरी बार एसोसिएशन के भी अध्यक्ष रह चुके हैं । यू पी राजस्व अधिवक्ता एसोसिएशन के भी वह मंत्री हैं । बरेली रायफल क्लब, जिला कल्चरल एसोसिएशन, साहित्य कला अकादमी के भी सदस्य हैं। भारत सेवक समाज के 30 अगस्त 1998 को सीतापुर के नेमिश्आरण्य में हुए सम्मेलन में यू पी के राज्यपाल सूरज भान ने उन्हें सामाजिक एकता को बढ़ावा देने पर सम्मानित भी किया था। वर्ष 2006 में उन्हें वेस्ट सिटीजन ऑफ इंडिया का अवॉर्ड इंटरनेशनल पब्लिशिंग हाउस दिल्ली ने कनॉट प्लेस के सभागार में दिया गया था। बरेली पश्चिमी उद्योग व्यापार मंडल, मानव सेवा क्लब भी उन्हें सम्मानित कर चुकी है।

कमिश्नरी बार एसोसिएशन ने अध्यक्ष के सी पाराशरी, यू पी बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष, जिला बार के पूर्व अध्यक्ष अनिल द्विवेदी, अपर आयुक्त मनोज कुमार की उपस्थिति में हुए कार्यक्रम में योगेश चरण जौहरी उर्फ सुबोध जी को 50 वर्ष की वकालत पूरी होने पर सम्मानित किया गया। इसी कार्यक्रम में उनके पिता ह्रदय चरण जौहरी की उर्दू में लिखी पुस्तक अफसाना के हिन्दी संस्करण का भी विमोचन हुआ।

साभार: निर्भय सक्सेना

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