बरेली। वर्ष 2004 से बंद इंडियन टरपेंटाइन एंड रोजिन कंपनी लिमिटेड (आइटीआर) के बॉयलरों से सुपीरियर इंडस्ट्रीज की अल्कोहल इकाई चलती रही। पहले विजिलेंस जांच, फिर सिटी मजिस्ट्रेट मदन कुमार के निरीक्षण में गड़बड़ी सामने आई। 50 लाख रुपये कीमत के दो विदेशी बॉयलर को धोखाधड़ी कर खुर्द-बुर्द करने के मामले में सिटी मजिस्ट्रेट मदन कुमार की ओर से आइटीआर फैक्ट्री के तत्कालीन कारखाना प्रबंधक केबी अग्रवाल समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, चोरी व सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के तहत सीबीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। हालांकि गैरकानूनी तौर पर बॉयलर की खरीदारी करने वाली सुपीरियर इंडस्ट्रीज का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है।

मुकदमे के मुताबिक बंद पड़ी आइटीआर फैक्ट्री के दो लंकाशायर बॉयलर को बिना किसी लिखा-पढ़ी के शराब बनाने वाली फैक्ट्री सुपीरियर इंडस्ट्रीज को सौंप दिया गया। वर्ष 2005 में आइटीआर कंपनी के तत्कालीन यूनियन लीडर रामगोपाल पांडेय ने शिकायत शासन तक की थी जिसकी जांच सतर्कता विभाग के तत्कालीन इंस्पेक्टर विकास यादव ने की। जांच में बॉयलर के बदले आइटीआर कंपनी को सुपीरियर इंडस्ट्रीज से कोई धनराशि प्राप्त न होने की पुष्टि हुई। उन्होंने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी।

नगर मजिस्ट्रेट मदन कुमार की ओर से भी फरवरी, 2020 में सुपीरियर इंडस्ट्रीज जाकर जांच की गई। पूछताछ में कंपनी के मैनेजर व अवर अभियंता ने प्लांट में दो लंकाशायर बॉयलर होना बताने के साथ ही आइटीआर कंपनी से इनको खरीदने की बात कही। उनका कहना था कि इन दोनों बॉयलर को स्वरूप परिवर्तन कर अल्कोहल इकाई में इस्तेमाल किया जा रहा है।

इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने बॉयलर की खरीद से संबंधित दस्तावेज तलब किए। समय बीत जाने के बाद भी सुपीरियर इंडस्ट्रीज का प्रबंधन बॉयलर खरीदने के दस्तावेज नहीं दिखा सका। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से आइटीआर फैक्ट्री के तत्कालीन कारखाना प्रबंधक केबी अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। तत्कालीन समय में दोनों बॉयलर की कीमत लगभग 50 लाख रुपये आंकी गई है। जांच में आईटीआर के कारखाना प्रबंधक केबी अग्रवाल ने आपराधिक साजिश करते हुए जून, 2004 में बॉयलरों को उखड़वाकर मरम्मत के बहाने कंपनी परिसर से बाहर निकलवाया और अवैध रूप से सुपीरियर इंडस्ट्रीज को उपलब्ध करा दिया।

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से तहरीर मिलने पर सीबीगंज थाना पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस जांच में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

साल भर जांच रिपोर्ट दबाए बैठे रहे अधिकारी

सिटी मजिस्ट्रेट की जांच में पिछले साल फरवरी में ही दो लंकाशायर बॉयलर गायब होने की बात सामने आ गई थी। सुपीरियर इंडस्ट्रीज की जांच में इसकी पुष्टि भी हो गई लेकिन अधिकारी फिर भी इस मामले को दबाए बैठे रहे। अब जाकर शनिवार देर रात थाना सीबीगंज इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

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