सुबह की सैर बरेली। कहते हैं तंदुरुस्ती हजार नियामत है। सुबह की सैर को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बताया जाता है। लेकिन इन दिनों सुबह की सैर करना सेहत के हानिकाकरक हो गया है। दिल्ली से पाकिस्तान तक छाये स्मॉग की छाया बरेली पर भी पड़ गयी है। दो दिन से बरेली में छायी धुंध कोहरा नही स्मॉग है। इस धुंध के वातावरण में मौजूद पार्टीकुलेट मेटर (प्रदूषण) की मात्रा काफी पाई गई है जो आपकी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकती है।

ऐसे में अगर आप सुबह-सुबह सैर जाते हैं तो कुछ दिन रुक जायें। वे लोग तो बिल्कुल ही न जायें जिनको हृदय और श्वांस रोग से पीड़ित हैं। बुधवार को सबसे ज्यादा प्रदूषण चौपला और शाहमतगंज में रिकार्ड किया गया। शाम को इज्जतनगर क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर (पीएम 2.5) वायु गुणवत्ता सूचकांक 301 रिकार्ड किया गया। जबकि शाम को यह बढ़कर 439 पहुंच गया। शाहमतगंज में रात दस बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 467 तक जा पहुंचा। चौपला क्षेत्र का हाल इससे भी खराब मिला।

इसलिए छाई है धुंध

सेंटर फॉर इंवायरमेंटल स्टडीज के प्रभारी डॉ. डीके सक्सेना के अनुसार निर्माण कार्य, वाहनों के धुएं और फसलों का वेस्ट जलाने के कारण पार्टीकुलेट मेटर निकलते हैं जो हवा में घुल जाते हैं। अमूमन हवा चलने और मौसम में कम नमी होने के कारण यह कण बह जाते हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों हवा की गणित 0-3 किमी. प्रति घंटा है। धूल के कणों के साथ मिलकर इसकी एक लेयर वातावरण में बन जाती है। इस कारण सूरज की रोशनी भी पूरी नहीं आ पाती। ओस के साथ इसके कण नीचे आते हैं। इसलिए सुबह सुबह बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है।

सुबह की सैर

बरेली में वाहनों के धुएं और निर्माण कार्य बन रहा कारण

डॉ. डीके सक्सेना के अनुसार बरेली और उसके आसपास के क्षेत्र में खेतों में फसलों का वेस्ट जलाना धुंध का कारण नहीं है। यहां निर्माण कार्य और वाहनों की बढ़ रही संख्या कारण है। इनसे भी पीएम 2.5 निकलता है जो वातावरण में स्मॉग का रूप ले लेता है।

 

 

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