हड़ताल पर गये टैंकर चालक आंवला (बरेली)। अपने साथी के परिजन के हक के लिए टैंकर चालकों एवं परिचालकों ने यहां बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी इससे रोडवेज और एयरफोर्स समेत अनेक अति महत्वपूर्ण संस्थानों को ईंधन तेल की सप्लाई नहीं हो सकी। ये टैंकर चालक अपने एक साथी की सड़क दुर्घटना में मौत के महीनों बाद उसके परिवार को मुआवजा ने मिलने से आक्रोशित हैं। इन्होंने ये हड़ताल उत्तर प्रदेश टैंकर चालक व परिचालक ऐसोसिएशन के बैनर तले की है। हालांकि बाद में एसडीएम के आश्वासन पर हड़ताल खत्म भी कर दी।

मौके पर पहुंची उपजिलाधिकारी ममता मालवीय ने संगठन के पदाधिकारियों को पीड़ित परिवार को सहायता दिलाने को लेकर उच्चाधिकारियों से वार्ता का आश्वासन दिया। इसके बाद टैंकर चालको ने रात्रि में टैंकर भरवाने की बात कहते हुए हडताल समाप्त की। अब कल शुक्रवार दिन में तेल की सप्लाई शुरू होगी।

राज्यरानी एक्सप्रेस से टकराने से हुई थी मौत

एसोसिएशन के प्रदेश सचिव गजेन्द्र सिंह ने बताया कि बीती 25 अक्टूबर को फरीदपुर गौसगंज रेलवे क्रासिंग सं0 352/ए/सी0 रेलवे विभाग की लापरवाही के कारण पेट्रोलियम टैंकर सं0 यूपी 78 ए.एन. 9376 राज्यरानी एक्सप्रेस से दुर्घटनाग्रस्त हो गया थ। इस घटना में टैंकर चालक सोहनलाल की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी थी। साथ ही ट्रेन से टैंकर टकराने के कारण ट्रेन मे आए झटके से 15 यात्री नीचे गिरकर जख्मी हो गये थे। इसमें रेल विभाग ने स्टेशन मास्टर व गेटमैन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया।

हड़ताल पर गये टैंकर चालकइसके बाद मुरादाबाद रेल मंडल के अधिकारियों ने घोषणा की थी कि मृतक चालक के एक सदस्य को रेल विभाग में सरकारी नौकरी व 5 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिया जाएगा। दुर्भाग्यवश रेलवे एवं जिला प्रशासन द्वारा अभी तक परिवार को सहायता नहीं मिल सकी है। ऐसे में मृतक चालक का परिवार भुखमरी का शिकार हो रहा है।

इस अबसर पर इण्डियन ऑयल कारपोरेशन के मैनेजर कपिल देव ने आश्वासन दिया कि पीड़ित के परिवार में मृतक के बेटे को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दिलाने का पूर्ण प्रयास करेंगें। इस अवसर पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. के. वर्मा आजाद ने बताया कि मुतक के परिवार को सहायता नही दी गई तो बह फिर धरना करने पर वाध्य होंगे। प्रदेश के अन्य डिपों को भी वारी-वारी से हड़ताल में शामिल किया जायेगा।

मृतक सोहनलाल की पत्नी पीड़िता किरन देवी ने बताया कि उसके परिवार में उसके दो बेटे और तीन बेटी हैं। इसमें दो बेटियों का विवाह हो चुका है और अभी तीन बच्चों का विवाह भी करना है। इससे पूर्व उन्हें पढ़ाना-लिखाना भी है। उसने कहा किघटना के बाद उसने पेट्रोलियम मंत्री, रेल मंत्री, मुख्यमंत्री, महा प्रबंन्धक रेलवे सहित अनेक उच्चाधिकारियों और मंत्रियों को पत्र भेजकर अवगत कराया है परन्तु कोई सहायता नहीं मिली।

पति की मौत के बाद परिवार सडक पर आ गया है। इस अवसर पर यूनियन के प्रदेश महासचिव गजेन्द्र सिहं, गुरनेक सिहं, वीरू सोनकर, इन्द्रपाल गंगवार, बाबूराम, नरेषपाल षर्मा, महेष कुमार, मुकेष कुमार, चालक व परिचालक मौजूद रहे।

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