BareillyLive: एसआरएमएस रिद्धिमा में गुरुवार को लेखक शंकर शेष के नाटक फन्दी का मंचन हुआ। शैलेन्द्र शर्मा के सेट, परिकल्पना एवं निर्देशन में नाटक मुख्य पात्र फन्दी के इर्दगिर्द घूमता है। जो कैंसर की अंतिम अवस्था में दर्द से पीड़ित और छटपटाते अपने बूढे पिता को गला घोंट कर मार देता है। हत्या के अपराध में उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया जाता है। जज के निर्देश और फन्दी की सहमति पर वकील भगतराम को मुकदमें के बचाव पक्ष हेतु नियुक्त किया जाता है। वकील जेल के परामर्श कक्ष में फन्दी से कई बार मिलता है। मामले को समझने और कोर्ट में बयानों की तैयारी के लिए वकील फन्दी से कई बार रिहर्सल भी करवाता है और सम्भावित गवाहों के बयान भी सुनता है। भगतराम ईमानदार और पढा-लिखा वकील है, लेकिन उसकी व्यावहारिक कमजोरी यह है कि वह उपयुक्त अवसर आने पर कोर्ट में प्रभावशाली पैरवी नहीं कर पाता। थोड़ा घबरा जाता है, मुकदमें की तीसरी पेशी मे वह अनुभवी बैरिस्टर गंगा नाथ से अपने स्थान पर पैरवी कराता है और केस में जान आ जाती है। पिता को कष्ट से छुटकारा देने के लिए इच्छा मृत्यु देने वाला तर्क उभर कर आता है और फन्दी के फांसी से बचने के लिए सम्भावना बढ़ जाती है। फन्दी के पूछने पर भगतराम कहता है कि कानून में अगर मानवीयता होगी तो वह बच जाएगा, वर्ना कानून की ताकत उसे फांसी के फंदे तक पहुंचा देगी। कानून में सच्चाई के लिए लड़ने वाले लोग भी है उनकी जीत से ही न्याय की जीत होंगी। नाटक में फंदी की मुख्य भूमिका सूर्यप्रकाश गंगवार ने निभाई। जबकि वकील के रूप में वंश अरोरा और वार्डन के रूप में स्पर्श अग्रवाल दर्शकों के सामने आए। नाटक में लाइट संचालन की जिम्मेदारी रविन्द्र और जसवंत, संगीत संचालन की अभिनव शर्मा, कॉस्ट्यूम डिजायनिंग की संजीवनी महान ने उठाई। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति जी, सचिव आदित्य मूर्ति, ऋचा मूर्ति, आशा मूर्ति, इंजीनियर सुभाष मेहरा, डा.एसबी गुप्ता, डा.प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार सहित शहर के गण्यमान्य लोग मौजूद रहे।

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