आंवला (बरेली)। विषमुक्त खेती अभियान के तहत किसानों को रासायनिक पदार्थो के खतरों के प्रति आगाह किया गया। साथ ही जैविक खेती के लाभ बताए गए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय ग्राम्य विकास समिति द्वारा चलाए जा रहे विषमुक्त खेती अभियान के तहत फुलासी स्थित राइस मिल परिसर में शुक्रवार को एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें क्षेत्र के सैकडो किसान शामिल हुए। संगठन के अखिल भारतीय प्रमुख डॉ दिनेश ने कहा कि अत्यधिक यूरिया व अन्य रासायनिक खादों का प्रयोग करने से भूमि की उर्वराशक्ति क्षीण हो रही है। कृषि भूमि बंजर हो जाएगी। रसायनिक पदार्थो के प्रयोग करने की वजह से हमें कई बीमारियां हो रही हैं। इसका खमियाजा हमारी अगली पीढियों को भुगतना होगा।
डॉ दिनेश ने कहा कि मानव और समाज पर इसके दुष्परिणाम दिखने लगे हैं। इसलिए हमें अपनी पारंपरिक, जैविक और विषमुक्त खेती की ओर बढना होगा। इस अभियान के माध्यम से हम लोग देश के विभिन्न गांवों में जाकर किसानो को विषमुक्त खेती करने को प्रेरित कर रहे है।
जैविक खेती करने वाले किसानों ब्रजपाल, रतिभान, सतेन्द्र सिंह, ऐबरन सिंह, रामनिवास शर्मा आदि ने भी अपने अनुभवों को साझा किया।
संगठन के महासचिव गुणाकर, राजवीर सिंह आदि ने बताया कि यह अभियान अक्षय तृतीय को प्रारम्भ हुआ है और देवोत्थान एकादशी तक चलेगा।
संघ के विभाग प्रचारक आनंद, आशीष हिंदू, क्ति सिंह, मुनीष वर्मा महिपाल सिंह लोधी आदि के साथ दर्जनो किसानों ने भूमि पूजन कर जैविक खेती करने की शपथ ली। कार्यक्रम के अध्यक्ष समाजसेवी निहाल सिंह ने कहा कि वह इस परिसर में एक जैविक बाग लगवा रहे हैं जिसमें छायादार और फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। ये पूर्णतया विषमुक्त होंगे। जल संरक्षण हेतु एक बड़े तालाब का निर्माण भी कराया जा रहा है।
इस दौरान को फलदार और छायादार पेड़ों के पौधे भी बांटे गए। इस अवसर पमनोज श्रेत्रिय, राहुल शर्मा, प्रेम राजपूत आदि ने सहयोग प्रदान किया।