बरेली, 29 जनवरी। कल्पना कीजिए जब देश में आजादी का आंदोलन चल रहा था। लोग अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए सड़कां पर हों और भारत के एक गांव में अचानक जर्मन तानाशाह हिटलर आसमान से टपक पड़े। जीहां, ऐसा ही हुआ लेकिन विण्डरमेयर में चल रहे थिएटर फेस्ट के मंच पर। शुक्रवार को यहां नाटक ‘मुकाम देहरु जिला नागौर’ का मंचन किया। यह प्रस्तुति रही जयपुर के उजागर ड्रामेटिक आर्ट एसोसिएशन ग्रुप के कलाकारों की, जिन्होंने हंसाते-हंसाते दर्शकों के पेट में बल डाल दिये।
कथानक के अनुसार देश में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ों का नारा देकर आंदोलन तेज कर दिया था। दूसरी ओर पूरी दुनिया दूसरे विश्व युद्ध की आग में झुलस रही थी। ठीक उसी वक्त राजस्थान के एक गांव देहरु की जमीं पर अकस्मात हिटलर आ गिरा।
नाटक के शुरुआत में हिटलर को इंग्लैण्ड के विंस्टन चर्चिल पर विजय पाने की इच्छा में जापान से परमाणु बम बनाने का नुस्खा लाने का मंचन हुआ। हिटलर का विमान लौटते वक्त देहरु गांव में गिर जाता है, जहां पहले से ही ग्रामीण अंग्रेजी हुकूमत के शिकार हैं और उसे उखाड़ फेंकना चाहते हैं। गांव का पुलिस अधिकारी नाटक प्रेमी होने के साथ ही हिटलर की प्रेमिका का भी दिवाना होता है।
कुछ क्रांतिकारी पुलिस चैकी उड़ाने पहुंचते है, लेकिन पकड़े जाने पर नाटक की रिहर्सल करना बताते हैं। बाद में नाटक मंडली रिहर्सल करती है तो उन्हें के एक बक्से में हिटलर निकल आता है। फिर हिटलर पुलिस अधिकारी को पकड़ लेता है। अपना हवाई जहाज बुलाता है। जापान से लाया परमाणु बम बनाने की नुस्खे की किताब भूलकर नाटक की स्क्रिप्ट ले जाता है।
इस सबके दौरान कलाकारों ने अपने संवादों और अभिनय से दर्शकों को इतना हंसाया कि उनके पेट में बल पड़ गये। मोहित तकलकर के निर्देशन में कलाकारों ने समा बांध दिया। इस दौरान डा. ब्रजेश्वर सिंह, शिखा सिंह, नवीन कालरा समेत अन्य मौजूद रहे।