Bareillylive : अयोध्या में राम मंदिर के चल रहे निर्माण कार्य को अब 25 जून 2025 तक पूरा किया जाना तय हुआ है। पहले निर्माण पूरा करने का समय दिसंबर 2024 तक दिया गया था। राम मंदिर निर्माण पर अब तक 18 सौ करोड़ रुपए खर्च हो चुके है। राम लला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद उनके समक्ष इस दीपावली का यह प्रथम दीपोत्सव रहेगा। वैसे इस बार भी अयोध्या में रामपेड़ी पर 28 से 31अक्तूबर तक तीन दिवसीय यह आठवां दीपोत्सव होगा। इस आठवें दीपोत्सव में 25 लाख दिए प्रज्जवलित करने का भी लक्ष्य है। अब राम मंदिर के प्रथम तल पर संगमरमर के सफेद पत्थर से बने हुए राम दरबार के विग्रह की भी स्थापना दिसंबर तक होगी।
फिलहाल श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास मंदिर निर्माण की धीमी गति से चिंता में है क्योंकि राजस्थान से पत्थर तराशने वाले कुशल मजदूर अभी काफी कम मिल रहे हैं। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने गत दिनों मीडिया को बताया कि पहले हमें दिसंबर 2024 तक मंदिर निर्माण कार्य पूरा करना था। अब ऐसे में कुशल श्रमिकों के अभाव में राम मंदिर निर्माण की अपेक्षित गति नही मिलने से हम उस लक्ष्य समय से दूर होते जा रहे हैं। तीर्थ क्षेत्र न्यास के पदेन सदस्य व भवन निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने कहा कि दिसम्बर 2024 तक भगवान रामलला के मंदिर निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए श्रमिकों की संख्या अभी कम है जिसे लार्सन कंपनी को भी अवगत करा दिया गया है जबकि दिसंबर महीने में द्वितीय तल व शिखर का निर्माण भी पूरा करना अभी संभव नहीं दिखाई दे रहा है। अभी परकोटे एवम टनल का काम भीं लगभग 40 प्रतिशत ही हो पाया है। कुबेर टीला के पास भी निर्माण कार्य चल रहा है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की भी विगत दिनों हुई बैठक में बताया गया कि राम मंदिर निर्माण पर अब तक 18 सौ करोड़ रुपए खर्च हो चुके है। अब राम मंदिर के प्रथम तल पर संगमरमर के सफेद पत्थर से बने राम दरबार के विग्रह की भी स्थापना होनी है। बैठक में विभिन्न विषयों के अलावा वित्तीय वर्ष 2023 – 2024 का वार्षिक लेखा जोखा प्रस्तुत कर कहा कि इसी के आधार पर न्यास का आयकर रिटर्न सितम्बर माह में ही भरा जाएगा। इस वित्तीय वर्ष में राम मंदिर सहित इंफ्रास्ट्रक्चर व राजस्व मदों में मंदिर निर्माण पर अब तक 18 सौ करोड़ खर्च हो चुके है । इस वित्तीय वर्ष में खर्च 676 करोड़ बताया गया है जिसमें मंदिर निर्माण पर 540 करोड़ व 136 करोड़ का व्यय अन्य मदों में किया गया है। इसके पहले राम मंदिर निर्माण पर 12 सौ करोड़ के खर्च की जानकारी दी गई थी।
ट्रस्टीज की बैठक में स्वीकृत बजट की जानकारी देते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने बताया कि एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच कुल खर्च का अनुमान 850 करोड़ है। उन्होंने बताया कि इस अनुमानित खर्च में 670 करोड़ का व्यय मंदिर निर्माण व 180 करोड़ अन्य मद में खर्च हो सकते हैं। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच 676 करोड़ कुल खर्च की जानकारी दी। बताया कि इसमें 540 करोड़ मंदिर निर्माण पर खर्च हुआ जबकि 136 करोड़ रुपए अन्य मद में खर्च किए गये। यह भी बताया गया कि अन्य मदों में प्राण – प्रतिष्ठा समारोह को लेकर किया गया व्यय भी सम्मिलित हैं। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023 – 2024 में कुल आय 363 करोड़ 34 लाख की हुई है जिसमें सर्वाधिक आमदनी बैंकों से ब्याज के रूप में करीब 204 करोड़ रुपए मिले है। श्री राम जन्म तीर्थ क्षेत्र न्यास के परिसर कार्यालय के काउंटर पर नकदी व चेक के रूप में कुल 58 करोड़ प्राप्त हुए। मंदिर के दानपात्र में भी 24 करोड़ 50 लाख रुपए के चढ़ावे की गिनती कराकर धनराशि बैंक में जमा की जा चुकी है। देश भर से श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के खातों में भी आनलाइन 71 करोड़ रुपए की धनराशि जमा कराई गई थी। इसके अतिरिक्त तीन वर्ष की समय सीमा के बाद वैधानिक रीति से खोले गये एफ सी आर ए के खाते में दस करोड़ 43 लाख की धनराशि जमा हुई। बताया गया कि यह धनराशि विदेशों में रह रहे भारतीयों ने भेजी है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को इन चार साल में श्रद्धालुओं ने लगभग 13 कुंतल चांदी व 20 किलो सोना स्वेच्छा से समर्पित किया था। इसमें शुद्ध धातु कितनी है, यह जांच के बाद ही पता चलेगा। इसके लिए भारत सरकार की संस्था सिक्योरिटी एण्ड प्रिंटिंग कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड को अनुबंधित किया गया है। बताया गया कि इस संस्था को नौ कुंतल चांदी वैधानिक दस्तावेज के साथ सुपुर्दगी में दिया जा चुका है। आगामी माह में यह संस्था हैदराबाद की टकसाल में इसका परीक्षण करेगी। बताया गया कि परीक्षण की तिथि निर्धारित होने पर तीर्थ क्षेत्र के दो प्रतिनिधि भी वहां जाएंगे और उनके सामने परीक्षण के साथ ही रिपोर्ट मिलेगी। श्री राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। यहां श्वेत संगमरमर से राम दरबार की प्रतिष्ठा की जानी है। राम दरबार के इस विग्रह का निर्माण राजस्थान के जयपुर में किया जा रहा है। तीर्थ क्षेत्र ने पहले टाइटेनियम से विग्रह बनाने की बात कही लेकिन बाद में सर्व सम्मति से सफेद संगमरमर के पक्ष में निर्णय होने के बाद टाइटेनियम से विग्रह बनाने की बात समाप्त हो गई थी । पर टाइटेनियम के विग्रह का निर्माण प्रयोग के तौर पर किसी श्रद्धालु की ओर से कराया गया था जो तीर्थ क्षेत्र को सौंप भी दिया गया था। इस टाइटेनियम के विग्रह के बारे में ट्रस्टीज ने निर्णय लिया है कि यह विग्रह उत्सव विग्रह के रूप में प्रथम तल पर स्थापित हो सकता है जिससे विशेष उत्सव में उसे शामिल किया जाएगा। बताया गया कि राम दरबार का यह विग्रह डेढ़ फिट लंबा व एक फिट चौड़ा व सवा फिट ऊंचा है और वजन भी कम है जिससे आसानी से इधर-उधर ले जाया जा सकता है।
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अनुसार मूर्तिकारों ने एक समय में मूर्ति बनाई थी। इसलिए सभी मूर्तिकारों को पिचहत्तर लाख रुपए दिए गए हैं। तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की बैठक में न्यासी कामेश्वर चौपाल बीमारी के कारण नहीं आ सके थे। 15 सदस्यीय टस्ट्रियों में महासचिव समेत ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि के अलावा नृपेन्द्र मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, अयोध्या नरेश विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, डा. अनिल मिश्र, जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह व आमंत्रित सदस्य गोपाल राव मौजूद रहे। वहीं पांच न्यासी गण वर्चुअल रीति से शामिल हुए। अब राम मंदिर में पुजारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी को 38 हजार 500 रुपये महीना मिलेंगे। इसके अलावा सहायक पुजारियों को भी अब 36 हजार 300 रुपये का वेतन मिलेगा। इसके अलावा रामलला के भंडारी, कोठारी और कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी हुई है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के मुताबिक सभी मूर्तिकारों ने एक समय में मूर्ति बनाई थी। इसलिए सभी मूर्तिकारों को 75 -75 लाख रुपए दिए गए हैं।
साभार: वरिष्ठ पत्रकार निर्भय सक्सेना
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