BareillyLive: भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के संयुक्त निदेशालय (प्रसार शिक्षा) एवं पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत “मांस और पशु उप-उत्पाद का प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन”‘ विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन दिनांक 10-12 अक्टूबर , 2022 को किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में अनुसूचित जाति के 15 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जो देश के मुंबई, दिल्ली, गाजीपुर, सहारनपुर, पीलीभीत आदि क्षेत्रों से हैं।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. महेश चंद्र, संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा), भारतीय पशु चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान ने मांस और पशु उप-उत्पाद का प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन” के महत्व पर बल देते हुए कहा कि मांस उत्पादन से लाभ लेने के लिए हमें प्रसंस्कृत मूल्य वर्धित उत्पादों और उपउत्पादों को बड़ावा देना होगा साथ ही साथ अपने उत्पादों के लिए मार्केटिंग व पेकेजिंग पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के लिए कई योजनाएँ चलायी जा रही हें आज आवश्यकता है सहभागिता बढ़ाने की। उन्होंने प्रतिभागिओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली इन योजनाओं का लाभ लेकर हम अपने समाजिक एवं आर्थिक स्तर को ऊँचा उठा सकते हैं।
पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं पाठ्यक्रम निदेशक डा. ए. के. विश्वास ने पाठ्यक्रम अभिरूचि के लिए सहभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने स्वच्छ मांस उत्पादन एवं मांस उत्पादों के समुचित उपयोग के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर भाग लें एवं ज्यादा से ज्यादा सीखें। डॉ विश्वास ने सामूहिक स्तर पर मांस उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर के लिए वैज्ञानिक पद्यतिओं को अपनाने की आवश्यकता है, जिससे हम छोटे स्तर पर भी उच्च गुणवत्ता वाले मांस उत्पादों का निर्माण एवं विपणन कर सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान पाठ्यक्रम का विवरण प्रस्तुत करते हुये पाठ्यक्रम समन्वयक डा. तनवीर अहमद ने प्रशिक्षण की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए मांस उत्पादों के प्रसंस्करण द्वारा आजीविका उपार्जन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में मांस उत्पादन एवं प्रसंस्करण से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं जैसे स्वस्थ पशु मांस उत्पादन, पशु वध, मांस से आचार बनाना, मीट पापड़, इमल्शन आधारित मांस उत्पाद, उपउत्पादों का समुचित उपयोग इत्यादि विषयों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डा. सुमन तालुकदार ने पाठ्यक्रम से जुड़े सहभागियों एवं विभाग के वैज्ञानिकों का परिचय कराया। कार्यक्रम सह समन्वयक डा. सागर चन्द ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक डॉ गीता चौहान, डॉ रविकांत अग्रवाल, डॉ प्रिंस देवदासन, डॉ देवेंद्र आदि उपस्थित रहे।
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