BareillyLive: भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के संयुक्त निदेशालय (प्रसार शिक्षा) और पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) के तहत ”आजीविका उन्नयन के लिए मूल्यवर्धित मांस उत्पादों की प्रक्रिया“ पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का कल शुभारम्भ हुआ।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुसूचित जाति के बीस प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. रूपसी तिवारी ने अधिक लाभ कमाने के लिए स्वच्छ मांस उत्पादन, मूल्य संवर्धन, कुशल उपोत्पाद उपयोग और उचित पैकेजिंग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मांस प्रसंस्करण के क्षेत्र में उद्यमिता के प्रचुर अवसर हैं। उन्होंने कुछ सफल उद्यमियों का उदाहरण देकर इस बात पर प्रकाश डाला कि मांस उत्पादन और प्रसंस्करण व्यवसाय शुरू करके हम अपने सामाजिक और आर्थिक स्तर को कैसे सुधार सकते हैं।

पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी प्रभाग के प्रमुख और कार्यक्रम निदेशक डॉ. ए आर सेन ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण में उनकी रुचि और भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि प्रसंस्कृत मांस उत्पादों की मांग बहुत अधिक है और भविष्य में यह और बढ़ने वाली है। इसलिए यदि हम इस क्षेत्र में नए कौशल सीख सकें और अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर सकें तो यह लाभदायक हो सकता है। उन्होंने प्रतिभागियों से प्रशिक्षण कार्यक्रम में सक्रिय रुचि लेने और जितना संभव हो उतना सीखने का आग्रह किया।

समन्वयक डॉ. तनबीर अहमद ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और वैज्ञानिक मांस उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और उपोत्पाद उपयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के दौरान स्वच्छ मांस उत्पादन, मांस प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, मांस और मांस उत्पादों की गुणवत्ता मूल्यांकन, इसकी पैकेजिंग, चिलिंग, फ्रीजिंग आदि के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाएगा।

डॉ. देवेन्द्र कुमार ने उद्घाटन समारोह का समन्वय किया और पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग के प्रतिभागियों और संकाय सदस्यों का परिचय दिया। इस कार्यक्रम के दौरान एलपीटी विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डा. गीता चौहान तथा वैज्ञानिक डा. सागर चन्द एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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