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यूपी कैबिनेट की बैठक : कामगार और श्रमिक आयोग के गठन को मंजूरी, हेलमेट न पहनने पर अब एक हजार रुपये जुर्माना

लखनऊ। (Yogi Adityanath Cabinet meeting) उत्तर प्रदेश में कामगार/श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का गठन होगा। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की मंगलवार को लोकभवन में हुई बैठक में इसको मंजूरी दे दी गई। सड़क सुरक्षा को लेकर कानून को और सख्त किया गया है और नियम तोडऩे वालों को अब दोगुना जुर्माना भरना पड़ेगा। इसके तहत अब बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर 1000 रुपये जुर्माना होगा। फायर ब्रिगेड के वाहन और एंबुलेस को रास्ता नहीं देने वाले पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भुगतना पड़ेगा।

कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बैठक के बाद बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में 15 बिंदुओं पर चर्चा के बाद मंजूरी प्रदान की गई है। इनमें उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग सबसे महत्वपूर्ण है। इस आयोग का मकसद निजी और गैरसरकारी क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर श्रमिकों और कामगारों को उनके हुनर के अनुसार अधिकाधिक रोजगार मुहैया कराना और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है।

उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग का अध्यक्ष मुख्यमंत्री या उनके द्वारा नामित कोई कैबिनेट मंत्री होगा। श्रम एवं सेवा योजन विभाग के मंत्री संयोजक, मंत्री औद्योगिक विकास एवं मंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो उपाध्यक्ष होंगे। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा कृषि, ग्राम्य विकास मंत्री, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन, मुख्यमंत्री के ओर से नामित औद्योगिक एवं श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि, उनकी ओर से ही नामित उद्योगों के विकास एवं श्रमिकों के हित में रुचि रखने वाले पांच जनप्रतिनिधि और विशेष आमंत्रित व्यक्ति इसके सदस्य होंगे। 

यह आयोग श्रमिकों और उद्योगों के बीच कड़ी का काम करेगा। वह मांग के अनुसार संबंधित इकाअयों को दक्ष श्रमिक मुहैया कराएगा। साथ ही इंडस्ट्री की मांग के अनुसार दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोग चलाएगा। प्रशिक्षण का यह अवसर औद्योगिक इकायोंइ में अप्ररेंटिसशिप के रूप में भी मिलेगा। अन्य राज्यों और देशों से श्रमिकों की जो मांग होगी उसमें भी आयोग फैसिलेटर की भूमिका निभाएगा। किसी भी जगह समायोजित होने वाले श्रमिक को न्यूनतम बुनियादी सुविधाएं (आवास, सामाजिक सुरक्षा, बीमा आदि) भी आयोग मुहैया कराएगा।

सेवायोजन विभाग की मदद से आयोग प्रदेश के सभी श्रमिकों की दक्षता का डाटा एकत्र करेगा ताकि किसी औद्योगिक इकाई को उसकी मांग के अनुसार ऐसे श्रमिकों को उपलब्ध कराया जा सके। 

उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग अपने मकसद के अनुसार काम करे, इसकी निगरानी के लिए औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक बोर्ड या कार्यपरिषद भी गठित होगी। इसमें एपीसी सह-अध्यक्ष, प्रमुख सचिव-अपर मुख्य सचिव आईआईडीसी, कृषि विभाग, पंचायती राज, लोक निर्माण, सिंचाई, नगर विकास, ग्राम्य विकास, एमएसएमई, उद्योग एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा कौशल विकास सदस्य और समाज कल्याण श्रम एवं सेवायोजन सदस्य सचिव होंगे।

जिला स्तर पर भी गठित होगी समिति

आयोग और राज्य स्तरीय बोर्ड की मंशा के अनुसार काम हो रहा है, इसकी निगरानी के लिए सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति भी होगी। इसमें मुख्य विकास अधिकारी अपाध्यक्ष, जिला रोजगार सहायता अधिकारी नोडल अधिकारी सदस्य होंगे। इसके अलावा परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास, अपर मुख्य अधिकारी पंचायत, जिला उद्यान अधिकारी, उप निदेशक कृषि, उपायुक्त उद्योग, उपायुक्त एनआरएलएम, परियोजना निदेशक सूडा, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, अपर उप सहायक श्रमायुक्त जिला स्तरीय श्रम प्रवर्तन अधिकारी इसके सदस्य होंगे।

आयोग की बैठक हर महीने होगी। इसी क्रम में बोर्ड की बैठक हर 15 दिन में और जिला स्तरीय समिति की बैठक हफ्ते में एक बार होगी। डीएम हर बैठक की रिपोर्ट से प्रदेश स्तरीय बोर्ड को अवगत कराएगा।

कैबिनेट ने ये प्रस्ताव भी किए पारित

-परिवहन विभाग में जुर्माने की राशि में भी वृद्धि का प्रस्ताव पारित किया गया है। पार्किंग में गड़बड़ी पर पहली बार 500 व दूसरी बार 1500 रुपये का जुर्माना होगा। सरकार के काम में बाधा डालने पर 2000 रुपये और तथ्य छुपाकर लाइसेंस बनवाने पर 10 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने पर अब 1000 रुपये जुर्माना होगा।

-इलेक्ट्रानिक वाहनों के निर्माण एवं प्रोत्साहन के लिए टैक्स में छूट प्रदान की गई है। इसके लिए कुछ संशोधन किया गया है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पागिन को बढ़ावा मिलेगा। पहले एक लाख बनने वाले टू व्हीलर इलेक्ट्रॉनिक वाहनों पर रोड टैक्स में 100 प्रतिशत की छूट होगी जबकि फोर व्हीलर पर रोड टैक्स में 75 प्रतिश. की छूट प्रदान की गई है।

– सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीद की पत्नी एवं आश्रितों को राज्य सरकार की तरफ से अब 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। पहले यह राशि 25 लाख रुपये थी।

-मिर्जापुर में ग्राम देवरी में तहसील सदर में 6.50 एकड़ भूमि केंद्र सरकार को निशुल्क जमीन दी गई है। यहां केंद्रीय विद्यालय बनेगा।

gajendra tripathi

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