बरेली। छुटपुट घटनाओं को छोड़कर जिले भी सभी नौ विधानसभा सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया। बरेली वासियों ने औसत 62.17 प्रतिशत मताधिकार का प्रयोग किया। जिले में कुल 96 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं जिनका भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। परिणाम 11 मार्च को पता चलेगा। गौरतलब है कि 2012 के विधानसभा चुनाव में 65.79 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सबसे अधिक मतदान बरेली की नवाबगंज विधानसभा पर 67.6 प्रतिशत रहा और सबसे कम मतदान बरेली शहर की विधानसभा में 53 प्रतिशत रहा। बरेली में आज हुए मतदान का मत प्रतिशत 2012 के मुकाबले 2.5 प्रतिशत कम रहा। पिछली बार 65.8 प्रतिशत मतदान हुआ था।
बुधवार को हुए मतदान के अनुसार यहाँ नौ विधानसभाओं में बहेड़ी में 66, मीरगंज में 65.6, भोजीपुरा में 64.1, नवाबगंज में 67.6, फरीदपुर में 63.2, बिथरी चैनपुर में 63, बरेली में 53, बरेली कैंट में 54.36 और आँवला विधानसभा में 62.7 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले।
नबाबगंज क्षेत्र में सपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच पथराव हुआ। मौके पर पहुंचे अघिकारियों ने स्थिति को कंट्रोल कर लिया। हालांकि सोमवार रात सपा और भाजपा प्रत्याशियों के बीच हुए झगड़े और फायरिंग के बाद अनहोनी की आशंका थी, लेकिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते विवाद नहीं बढ़ सका। वहीं भोजीपुरा के धौराटांड़ा में बसपा और सपा कार्यकर्ताओं के बीच नोंक-झोंक हुई जिसे समय रहते अधिकारियों ने नियंत्रित कर लिया। इसके अलावा कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
यहां नहीं लगा किसी प्रत्याशी का बिस्तर
मीरगंज तहसील के गांव गोरा लोकनाथपुर में बने मतदान स्थल पर किसी भी प्रत्याशी का बिस्तर नहीं लगा। बताया जाता है कि इस क्षेत्र के लोगों के मन में राजनेताओं के वादाखिलाफी करने को लेकर नाराजगी थी। बताया जाता है कि अथक प्रयास के बाद रामगंगा नदी पर 2009 में पुल निमार्ण का कार्य शुरू हुआ था पर क्षेत्रीय राजनेताओं की लापरवाही के चलते पुल का काम लटक गया। इससे सरकार का करोड़ों रुपया भी बरबाद हुआ। ग्रामवासियों को को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई बार स्थानीय नेताओं के चक्कर लगाए धरना प्रर्दशन किए गए। इसके बावजूद पुल निर्माण की ओर ध्यान नहीं दिया गया। फिलहाल दोपहर बाद प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद मतदान शुरू हुआ।