#बरेली, दरगाह आला हजरत, उर्स-ए-जीलानी,

बरेली @BareillyLive. दरगाह आला हज़रत मंगलवार को 60 वां एक दिवसीय उर्स-ए-जिलानी मनाया गया। उर्स का आयोजन दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खा़ँ (सुब्हानी मियाँ) के निर्देशन और सज्जादानशीन साहिबे मुफ्ती अहसन मियाँ की अध्यक्षता में किया गया।

मुफ़स्सिरे आज़म हिन्द अल्लामा मुफ़्ती मोहम्मद इब्राहीम रज़ा खाँ उर्फ़ जीलानी मियाँ के उर्स का आरम्भ दरगाह स्थित रज़ा मस्जिद में क़ुरान की तिलावत से किया गया। नात मुफ्ती जमील ने पढ़ी। सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर कुल की रस्म अदा की गई। इसके बाद उल्मा-ए-किराम की तक़रीरें हुईं। दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियाँ का पैग़ाम सुनाते हुए मुफ़्ती सलीम नूरी ने कहा कि हज़रत जिलानी मियाँ ंने पूरी ज़िन्दगी इल्मे दीन यानि धर्म की शिक्षा का प्रसार काम किया था।

कहा कि उन्होंने सूफ़ी विचारधारा के प्रचार व प्रसार के लिए मंज़रे इस्लाम के शिक्षकों और छात्रों को विशेष प्रशिक्षण दिया। लोगों को बताया कि हिंसा फैलाने वाली और हिंसा के रास्ते पर ले जाने वाली मानसिकता और विचारधारा से हमेशा बचना चाहिए। वह कहते थे कि हिंसात्मक तथा खून-खराबे वाली कार्यवाही और विचारधारा इंसानियत के लिए ख़तरनाक है।

मुफ्ती सलीम नूरी ने कहा कि आज आला हज़रत के पैग़ाम का प्रचार व प्रसार पूरी दुनिया में हो रहा है। मुफ़्ती मो0 आक़िल रजवी, क़ारी अब्दुर्रहमान कादरी, मौलाना डाक्टर एजाज अंजुम आदि ने भी विचार व्यक्त किये। अंत में सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने देश और मिल्लत के साथ पूरी दुनिया में अमन और शांति के लिए खुसूसी दुआ की।

मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि इस मौके पर मुफ्ती सय्यद कफील हाशमी, मुफ़्ती अफ़रोज़ आलम, मुफ़्ती अय्यूब, मुफ़्ती अख्तर, मुफ्ती सय्यद शाकिर अली, कारी अब्दुल हकीम, मास्टर जुबेर रज़ा खाँ, सय्यद ज़ुल्फ़ी, मोईन खान, शाहिद नूरी, परवेज़ नूरी, औररंगजेब नूरी, अजमल नूरी, ताहिर अल्वी, शान रज़ा, मंजूर रज़ा, साजिद नूरी आदि मौजूद रहे।

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