बरेली, 16 मार्च। खानकाह-ए- नियाजिया में दस रोजा उर्स बुधवार को कुल की रस्म के साथ सम्पन्न हो गया। इस मौके पर शहर भर से चादरों का जुलूस खानकाह पहुंचा और अकीदतमंदों ने चादरपोशी की। जुलूस की अगुवाई दरगाह के सज्जादानशीन हजरत हसनी मियां ने की। उर्स में देश-विदेश से बड़ी संख्या में आकर लोगों ने शिरकत की।
चादरों का जुलूस कोहाड़ापीर से सलीम वारसी के यहां से शुरू हुआ। कार्यक्रम का आगाज़ कलाम पाक की तिलावत व नात मनकबत से हुआ। यह जुलूस सायंकाल दरगाह के प्रबंधक हजरत शब्बू मियां नियाजी की कयादत में निकला जो कोहाड़ापीर से शूुरू हो कर कुतबखाना चैराह होते हुए नौमहला मस्जिद पहुंचा। यहां से इस्लामियंा इन्टर कालेज, जिला परिषद के होते हुए बिहारीपुर ढाल से खानकाह पुहंचा। यहां सभी अकीदतमंदों ने चादर व गुलपोशी की।
दूसरा जुलूस सायंकाल पुराना शहर मुन्ना खां के नीम के नीचे से फैजाने वैल्फीयर सोसायटी के तत्वावधान में शुरू हुआ, जिसकी कययादत कमाल मियां नियाजी ने की। इस चादरों के जुलूस में भी बड़ी संख्या में अकीदतमंद मौजूद थे। इस जुलूस का आगाज भी कलाम पाक की तिलावत व नात मनकबत से हुआ। बाद में अकीदतमंद जुलूस की शक्ल में नारे लगाते हुए परम्परागत रास्तों से आगे बड़े और देर रात को खानकाहे नियाजिया पहुंचे। इस जुलूस की भी अगुवानी दरगाह के सज्जादानशीन हजरत हसनी मियां व दरगाह के प्रबंधक हजरत शब्बू मियां ने की।
इससे पहले दिन में खानकाह में अपराह्न 2.10 बजे बड़ा कुल शरीफ की रस्म अदा की गयी। इसमें बड़ी संख्या में अकीदतमंदोें ने शिरकत की। इस उर्स में देश विदेश के जायरीन दरगाह पहुंचे और नजराने अकीदत पेश किया। बाद नमाज़ इशा महफिले समां का आगाज हुआ। विभिन्न कव्वालोे की चैकियों ने रात भर सूफियाना कलाम पेश किया, जो देर रात तक जारी रहा। रात में ढ़ाई बजे बड़े कुल की रस्म अदा की गयी।