लखनऊ। निजामुद्दीन मरकज में आयोजित तब्लीगी जमात की मजलिस में शामिल हुए लोगों में से कई के कोरोना वायरस पॉजिटिव पाये जाने तथा इसी कार्यक्रम में शामिल कई विदेशियों के उत्तर प्रदेश की कई मस्जिदों में मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है। खासकर इस कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों द्वारा सरकार के कहने के बावजूद अपने बारे में जानकारी नहीं दिए जाने से मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ का पारा चढ़ा हुआ है। अब ऐसे लोगों पर तो कार्रवाई होगी ही, वे लोग भी नपेंगे जो ऐसे लोगों के बारे में जानकारी को छुपाएंगे।
दरअसल,तब्लीगी जमात के कार्यक्रम से लौटे उत्तर प्रदेश के 157 लोगों के अभी अपना मेडिकल परीक्षण न कराने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। उनके निर्देश के बाद तब्लीगी जमात से लौटे उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ ही विदेशियों के बारे में सूचना न देने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने की तैयारी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर कोर टीम के साथ बैठक की। उन्होंने बैठक में स्पष्ट कहा कि मानवता के खिलाफ काम करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को दिल्ली से लौटे जमातियों के बारे में जानकारी लेने के साथ ही निर्देश दिया कि अगर कोई भी इनके बारे में कोई सूचना नहीं देता है या फिर इनकी पहचान छुपाने का प्रयास करता है तो फिर उसके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज करें। इस समय सरकार की प्राथमिकता दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज की तब्लीगी जमात से लौटे 157 लोगों की खोज करने के साथ ही उनका सैंपल लेकर कोरोना वायरस का परीक्षण कराना है। इन सभी 157 लोगों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन भी किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तब्लीगी जमात के जरिए जो लोग विदेश से आए हैं, उनके पासपोर्ट फिलहाल जब्त कर लिये जाएं और यह सुनिश्चित कराया जाए कि जमात के लोगों की गलतियों का खामियाजा आम लोगों को न भुगतना पड़े। जिन लोगों ने मानवता के खिलाफ जाकर कार्य किया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।