लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर 15 अप्रैल से 3 मई तक लागू किए गए लॉकडाउन-2 का कड़ाई से पालन कराने के साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सरकारी कामकाज को भी पटरी पर लाने की तैयारी शुरू कर दी है। आगामी20 अप्रैल से प्रदेश में सरकारी कार्यालय खुलेंगे, हालांकि इस दौरान तमाम पाबंदियां भी जारी रहेंगी।

सरकार ने शुक्रवार को इस बाबत आदेश जारी कर दिया। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिया है सोमवार से विभागाध्यक्ष के साथ ही समूह क और ख के कर्मचारी कार्यालय आएंगे। इस दौरान विभाग के सिर्फ 33 प्रतिशत कर्मचारियो को ही बुलाया जाएगा। जरूरत पडऩे पर समूह ग और घ के कर्मचारियों को भी बुलाया जा सकता है। 33 प्रतिशत तक के कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने की व्यवस्था के लिए शीर्ष अधिकारी के स्तर से उनकी कार्यालय में आवश्यकता का निर्धारण करने के बाद रोस्टर तय किया जाएगा। सरकार की तरफ से शीर्ष अधिकारियों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों का रोस्टर इस प्रकार ने बना लें कि कर्मचारी अल्टरनेट दिवस में तो आएं लेकिन सरकार का कोई काम बाधित न हो। इस दौरान सुरक्षा मानकों का पूरा तरह ध्यान रखा जाएगा। सरकारी कामकाज के दौरान शारीरिक दूरी (Physical distancing) का भी पूरी तरह से पालन किया जाएगा।

रोस्टर के अनुसार घर से कार्य सम्पादित कर रहे सभी कर्मचारी अपने मोबाइल एवं इलेकट्रॉनिक साधनों के जरिये कार्यालय के संपर्क में रहेंगे जिससे कि जरूरत पडऩे पर उनको कार्यालय बुलाया जा सके। जिला प्रशासन भी इस दौरान ट्रेजरी के काम के लिए कर्मचारियों को शासकीय कार्य के लिए नियोजित करे। उत्तर प्रदेश के राज्य रेजीडेंट कमिश्नर कार्यालयों को भी कोविड-19 के संबंध में तथा कम्युनिटी किचेन संचालन के लिए प्रतिबंधों के साथ खोला जाएगा।

कोरोना वायरस के संक्रमण काल में अभी पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, अग्निशमन के साथ स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, कारागार और नगर निकाय बिना किसी प्रतिबंध के यथावत अपने कार्य को सम्पादित करेंगे। 

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