लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन में काम न होने के कारण परेशान श्रमिक/कामगारों पर उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर मेहरबान हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से इनके खाते में एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर किए। प्रदेश के 10,48,166 श्रमिक/कामगारों को इसका लाभ मिला। इससे पहले भी प्रदेश में डीबीटी के माध्यम से 611 करोड़ रुपये श्रमिकों के खातों में ट्रांसफर किए गए थे।

अपने सरकारी आवास पर शनिवार को हुई उच्च स्चरीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये धनराशि खातों में ट्रांसफर की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संकट के समय में सभी का एकजुट होना बेहद जरूरी है। जब टीम वर्क के रूप में काम होता है और पूरा सिस्टम उसके साथ जुड़ता है तो उसके परिणाम भी देखने को मिलते हैं। कोरोना वायरस महामारी के दौरान सर्वाधिक प्रवासी कामगार व श्रमिक उत्तर प्रदेश में आए। इनकी सुविधा के लिए 1,650 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन उत्तर प्रदेश में आईं।

प्रवासी श्रमिक-कामगारों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के लिए परिवहन निगम की 12,000 से अधिक बस चलाई गईं। स्कूल की बसें और प्राइवेट बसों की व्यवस्था अलग से भी हर जनपद में की गई। प्रवासी श्रमिकों व कामगारों की मेडिकल स्क्रीनिंग व रहने खाने की व्यवस्था के लिए 15 लाख की क्षमता के क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए।

जिला प्रशासन ने फील्ड की टीम के साथ मिलकर बहुत अच्छा कार्य किया है। प्रदेश के 35 लाख प्रवासी कामगार और श्रमिकों को विषम परिस्थितियों में घर वापस आना पड़ा। प्रथम चरण में उनके लिए 15 दिन के राशन किट की व्यवस्था की गई। इस किट में 10 किग्रा आटा, 10 किग्रा चावल, 5 किग्रा आलू, 2 किग्रा भुना चना, 2 किग्रा अरहर दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम धनिया, 1 लीटर रिफाइंड सरसों का तेल और राशन कार्ड उपलब्ध कराया गया।

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