लखनऊ। सरकारें बदलती हैं पर नौकरशाही का ढर्रा नहीं। वह आज भी अंग्रेजों के शासनकाल के अंदाज में काम करती है। अपने को सर्वशक्तिमान मानने के गुमान में कई अधिकारी मुख्यमंत्री की अवहेलना करने से भी नहीं चूकते। ऐसे अधिकारियों की उत्तर प्रदेश में भी कमी नहीं है। हालत यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश के बावजूद कई नौकरशाह मुख्यमंत्री कार्यालय से सीयूजी नंबर पर आयी कॉल तक रिसीव नहीं करते। नियुक्ति और कार्मिक विभाग ने ऐसे 25 से अधिक मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंडल और जिलों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपना सीयूजी नंबर खुद उठाएं। निर्देश पर कितना अमल हुआ इसकी पड़ताल खुद मुख्यमंत्री ने करवाई। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने मंडल और जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को कार्यालय के समय में फोन मिलाया। इस परीक्षा में कई मंडलायुक्त, जिसाधिकारी और पुलिस कप्तान फेल हो गए।
चूंकि मंडल के उच्च अधिकारियों पर जिलों की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी होती है, इस कारण सीएम कार्यालय ने खासकर मंडलायुक्तों की इस लापरवाही को काफी गंभीरत से लिया है।
मंडलायुक्तों का हाल
लखनऊ, अलीगढ़, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी के मंडलायुक्तों का फोन नहीं उठा जबकि आगरा, मेरठ और आजमगढ़ के मंडलायुक्त का फोन ही नहीं मिला। कानपुर के मंडलायुक्त का फोन उनके पीआरओ ने उठाया। इसको गंभीरता से लेते हुए इन सभी अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है।
इन जिलाधिकारियों ने नहीं उठाया फोन
अमरोहा, उन्नाव, आगरा, इटावा, अलीगढ़, आजमगढ़, मऊ, कन्नौज, औरैया, गोरखपुर, कुशीनगर, झांसी, जालौन, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फिरोजाबाद (पीआरओ ने कॉल रिसीव की)। लखीमपुर, रायबरेली और सीतापुर के जिलाधिकारी का कॉल बैक आया।
इन जिलों के पुलिस कप्तान भी परीक्षा में फेल
आगरा, औरैया, कुशीनगर, जालौन, मेरठ, शामली, रायबरेली, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, प्रयागराज, कानपुर, इटावा, कन्नौज, गोरखपुर (पीआरओ ने उठाया), ललितपुर और कासगंज (फोन नहीं मिला), गाजीपुर व जौनपुर के कप्तानों का कॉल बैक आया। है। सूत्रों के अनुसार फोन न उठाने वाले पुलिस कप्तानों का भी गृह विभाग की ओर से जवाब तलब किया जाएगा।