लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रबी सीजन की गेहूं खरीद 1 अप्रैल से 15 जून तक 6000 क्रय केंद्रों पर होगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP, एमएसपी) पर होने वाली इस सरकारी खरीद के लिए क्रय नीति को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है। प्रदेश में पहली बार ई-पॉप (इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ पर्चेज) मशीनों के जरिए गेहूं की खरीद होगी। खाद्य एवं रसद विभाग ने एक विशेष ऐप भी तैयार किया है जिसके जरिए किसान अपने निकटतम खऱीद केंद्र की लोकेशन जान सकेंगे। इस ऐप से क्रय केंद्र प्रभारी का नाम और मोबाइल फोन नंबर तथा खरीद केंद्र तक पहुंचने का मार्ग भी पता चल सकेगा।

गेहूं खरीद के लिए किसानों का पंजीकरण विभाग की वेबसाइट पर शूरू हो गया है। इस वर्ष 1975 रुपये प्रति क्विंटन न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की जाएगी। खरीद में पारदर्शिता बरतने के लिए क्रय केंद्रों पर ई-पॉप मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। किसान को गेहूं बेचने के लिए इस बायोमीट्रिक मशीन पर अपने अंगूठे की छाप लगानी होगी। किसान किन्हीं कारणों से क्रय केंद्र पर नहीं आ पाता है तो उसे अपने परिवार के किसी सदस्य का आधार नंबर देना होगा।

खाद्य आयुक्त मनीष चौहान का कहना है कि बायोमीट्रिक व्यवस्था से गेहूं खरीद में बिचौलियों/दलालों का दखल खत्म करने में मदद मिलेगी। 

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