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बरेली @BareillyLive. उत्तराखण्ड सांस्कृतिक समाज के तत्वावधान में 40वां श्रीरामलीला महोत्सव कल रविवार से प्रारम्भ होगा। इस आठ दिवसीय आयोजन में प्रभु श्रीराम की लीलाओं का मंचन राजेन्द्र नगर स्थित उत्तराखण्ड सामुदायिक केन्द्र पर किया जाएगा। यह जानकारी अध्यक्ष रमेश चंद्र पन्त ने दी।

श्री बेलवाल ने बताया कि श्रीरामलीला मंचन का शुभारम्भ 06 अक्टूबर को श्रीराम जन्म से होगा। 13 अक्टूबर को भरत मिलाप और श्रीराम राज्याभिषेक के साथ विश्राम हो जाएगा।

समाज के महामंत्री मोहन चंद्र पाठक ने बताया कि बरेली में पर्वतीय समाज बीते 42 वर्षों से श्रीरामलीला का मंचन करता आ रहा है। इससे जहां समाज को आदर्श चरित्र और परिवार का संदेश जाता है। वहीं समाज के बच्चे, युवा अपनी संस्कृति को समझते हैं। उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने में सहायता मिलती है।

मीडिया प्रभारी चन्द्र जोशी ने बताया कि लीला मंचन रोजाना रात आठ बजे से शुरू होगा। उन्होंने समस्त सनातन बंधुओं एवं श्रीरामभक्तों से लीला मंचन देखने के लिए आमंत्रित किया है।

ये रहे उपस्थित

समाज के संरक्षक डीडी बेलवाल, अध्यक्ष रमेश चंद्र पन्त, महासचिव मोहन चंद्र पाठक, कोषाध्यक्ष हरिनन्दन तिवारी, मीडिया प्रभारी सतीश चन्द्र जोशी एवं समाज के अन्य गणमान्य नागरिक।

ये है श्रीरामलीला का कार्यक्रम

06 अक्टूबर, रविवार- शिव पार्वती संवाद, रावण तपस्या, श्री दशरथ जी का पुत्रेष्टि यज्ञ, श्रीराम जन्म, ताड़का-सुबाहु वध, अहिल्या उद्धार।

07 अक्टूबर, सोमवार- पुष्पा वाटिका प्रसंग, सीता स्वयंवर, श्रीराम विवाह (धनुष यज्ञ), परशुराम लक्ष्मण संवाद।

08 अक्टूबर, मंगलवार- कैकेई-मंथरा संवाद, कैकेई-दशरथ संवाद, श्रीराम वनगमन, राम-केवट संवाद, दशरथ मरण।

09 अक्टूबर, बुधवार- भरत वन गमन, राम-भरत मिलन के बाद भरतजी का अयोध्या लौटना, राम का पंचवटी गमन, सूर्पणखा प्रसंग, खरदूषण वध, सीता हरण, राम शबरी संवाद।

10 अक्टूबर, गुरुवार- श्रीराम-हनुमान संवाद, सुग्रीव से मित्रता, बालि वध, हनुमान जी का लंका गमन, रावण-सीता संवाद, लंका दहन एवं हनुमान जी का वापस आकर श्रीराम से मिलन।

11 अक्टूबर, शुक्रवार- रावण मंदोदरी संवाद, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, संजीवनी बूटी से उपचार एवं राम-लक्ष्मण संवाद।

12 अक्टूबर, शनिवार- कुम्भकरण-रावण संवाद, कुम्भकरण वध, मेघनाद वध, हनुमान-मकरध्वज संवाद, अहिरावण वध, राम-रावण युद्ध एवं रावध वध।

13 अक्टूबर, रविवार- राम-भरत मिलन, श्रीराम राज्याभिषेक, आरती एवं प्रसाद वितरण, विश्राम।

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