बहुत खतरनाक है सर्दी के मौसम का डायरिया, बच्चों के इस तरह इससे बचाएं

बरेली तेजी से तापमान गिरने साथ ही ठंडी हवा बच्चों की सेहत बिगाड़ सकती है। इस मौसम में कई तरह के वायरस भी सक्रिय हो जाते हैं। सर्दी का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ता है। अगर बच्चों की सही तरह से देखभाल न की जाए, तो वे डायरिया, निमोनिया, बुखार  जैसी बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में बच्चों को ठंड से बचाने के साथ ही सफाई का ध्यान रखना जरूरी है।

डायरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसका वायरस सर्दी के मौसम में सर्दियों में पूरी तरह से एक्टिव रहता है। रोटा वायरस के कारण यह बीमारी फैलती है। छोटे बच्चों को मां का दूध और थोड़े बड़े बच्चों को घर के बने खाद्य पदार्थों का सेवन कराएं, जिससे इम्यूनिटी बनी रहेगी और बच्चे डायराय के साथ ही कोरोना जैसी कई और बीमारियों से बचे रहेंगे|

जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णा ने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ ही ओपीडी में डायरिया, दस्त,  निमोनिया और सर्दी-जुखाम से पीड़ित बच्चे आने शुरू हो गए हैं। डायरिया में बच्चे को उल्टी, दस्त, शरीर में पानी की कमी, कमजोरी, भूख न लगना आदि परेशानियां हो सकती हैं। अगर समय पर उपचार न किया जाए या बीमारी की पहचान समय रहते न हो, तो इससे गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए इस बीमारी में बचाव ही बेहतर उपचार होता है।

रखें ध्यान : बच्चे को डायरिया हो जाए तो ठंडी चीजें और चावल नहीं देना चाहिए। गुनगुने पानी में घोलकर ओआरएस दिया जा सकता है। ठंड से बचाव रखेंगे तो बच्चों को निमोनिया, सर्दी, खांसी, बुखार जैसी अन्य बीमारियां नहीं होंगी।

लक्षण : डायरिया में शुरुआती दौर में उल्टी होती है। उसके बाद दस्त होते हैं, जो एक दिन में कई बार हो सकते हैं। बुखार आना भी इसका एक मुख्य लक्षण है। अगर सर्दियों में छोटे बच्चों में इस तरह के लक्षण दिखाई दें, तो समझ लीजिए कि वह डायरिया की चपेट में हैं।

कैसे फैलता है वायरस : डायरिया के वायरस (रोटा वायरस) का संक्रमण होने पर बच्चे के शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है। अगर समय पर उपचार न मिले तो मौत भी हो सकती है। रोटा वायरस संक्रमित हाथ,  खिलौने, दू ध की बोतल,  गंदे कपड़ों और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।

बच्चों की बढ़ाएं इम्यूनिटी

दो साल से बडे बच्चों को गुड, चना, मूंगफली, हरी पत्तेदार सब्जियां  गाजर, टमाटर या घर में बनाया गया सूप देकर उनकी इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती हैं। बच्चों को ज्यादा से ज्यादा घर का बना खाना और खाद्य पदार्थ ही दें। बाहर की प्रिजरवेटिव चीजें और बाहर के बने खाद्य पदार्थ बच्चों को न खिलाएं।

ठंड से ऐसे करें बचाव

डॉ. कृष्णा ने बताया कि बच्चों में हाथ धोने की आदत डालें। मां भी अगर बच्चे को कुछ खिलाती है तो उससे पहले हाथ धोना बहुत जरूरी है ताकि किसी प्रकार का संक्रमण न फैले। छोटे बच्चों को कंबल में लपेट कर रखें। दूध पिलाने वाली मां को खुद सर्दी से बचकर रहना चाहिए। एक साल से बड़े बच्चों को टोपी और मोजे पहनाकर रखना चाहिए।  घर से बाहर खेलने नहीं देना चाहिए। बच्चों को गुनगुना पानी ही देना चाहिए।  सर्दियों में हरी सब्जियां और घर में बने सूप बच्चों को अंदर से गर्म रखते हैं।

gajendra tripathi

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