बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में 21 दिवसीय शीतकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को शुरू हो गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ पूर्व उपकुलपति, शेर-ए-कश्मीर, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जम्मू, डा. नागेन्द्र शर्मा ने किया। इस अवसर पर सहायक महानिदेशक (मानव संसाधन विकास), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केन्द्र, हैदराबाद के निदेशक, डा. वी.वी. कुलकर्णी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि डा. नागेन्द्र शर्मा ने प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण का विषय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। साथ ही इस कार्यक्रम से सम्बन्धित पाठ्यक्रम सामग्री में सभी विषयों को समाहित किया गया है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान क्षेत्र में कार्यरत वैज्ञानिकों-प्राध्यापकों से अपने क्षेत्रों में निपुणता बनाये रखने पर भी बल दिया।
मुख्य अतिथि द्वारा “डाइमेंशन एण्ड यूटिलिटी आफ कन्वीनिएंट एंड वैल्यू एडेड मीट प्रोडक्टस इन चैनजिंग सीनेरियो“ विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि एवं सहायक महानिदेशक, मानव संसाधन विकास, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, डा. एम.बी. चेत्ती ने अपने सम्बोधन में कहा कि पशुधन उत्पाद प्रौद्योगिकी विभाग मांस प्रक्षेत्र में मानव संसाधन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा यहां के अध्ययन प्राप्त छात्र देश के विभिन्न भागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केन्द्र, हैदराबाद के निदेशक डा. वी.वी.कुलकर्णी ने भारत में मांस प्रसंस्करण की स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के प्रयोग एवं उपभोक्ताओं द्वारा गुणवत्ता युक्त खाद्य उत्पादों की मांग के मद्देनजर मांस प्रसंस्करण एक मुख्य भूमिका निभा सकता है।
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