आंवला (बरेली)। इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो जाने पर भड़के परिजनों ने अस्पताल का घेराव कर सड़क पर जाम लगा दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर मामले को शांत किया।
क्षेत्र के ग्राम भीमपुर के रहने वाले जयवीर ने बताया कि गुरूवार की सुबह उसकी पत्नी ममता ने घर पर ही प्रसव के दौरान एक लड़के को जन्म दिया। उसकी पैदा होते ही मौत हो गई। कुछ समय बाद अचानक ममता की तबीयत खराब होने पर वह नगर के मोहल्ला बजरिया स्थित एक अस्पताल में ममता को उपचार हेतु ले गया। वहां मौजूद डाक्टर ने ममता को भर्ती कर उसे ठीक करने की गारंटी लेते हुए उसे धन की व्यवस्था करने को कहा, ताकि ममता को खून इत्यादि चढ़ाया जा सके। जयवीर ने बताया कि वह रकम की व्यवस्था हेतु अपने गांव आया तथा दो-तीन घंटे बाद जब अस्पताल पहुंचा तो उसकी पत्नी ममता की मौत हो चुकी थी। अस्पताल प्रशासन ने ममता के शव को अस्पताल के बाहर रख दिया था।
ममता की मौत और अस्पताल के इस अमानवीय व्यवहार की जानकारी जब गांव के लोगों को हुई तो उन्होनें अस्पताल की धेराव किया। साथ ही सड़क पर जाम लगाने की कोशिश की। मौके पर पहुंचे एसडीएम व कोतवाल ने परिजनों को जैसे-तैसे शांत कर शव को पोस्टमार्टम हेतु बरेली भेजा तथा अस्पताल संचालक को गिरफ्तार कर थाने ले आयी। जयवीर ने थाना आंवला में तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की है।
कुछ माह पहले भी हुई थी एक प्रसूता की मौत
आंवला। अभी कुछ माह पहले ही बरेली मार्ग पर पुरैना मंदिर के निकट एक नर्सिग होम में प्रसूता की मौत इलाज के दौरान हो गई थी। इसके बाद उपजिलाधिकारी विशुराजा ने ऐसे अवैध क्लीनिक, अस्पताल, लैवोरेट्री व झोलाछापों के खिलाफ अभियान चलाया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर के जीवन ज्योति अस्पताल को सीज किया गया।
धड़ल्ले से फल-फूल रहा झोलाछापों का धंधा
आंवला नगर व तहसील क्षेत्र में हजारो झोलाछाप, अस्पतालों, क्लीनिक एवं पैथोलोजी की दुकानें खुलेआम संचालित है। निजी स्वार्थों के चलते स्वास्थ्य विभाग इनकी ओर ध्यान नहीं देता है। जब कहीं कोई बड़ी घटना घटित होती है तब स्वास्थ्य विभाग आधी-अधूरी कार्यवाही करके अपने दायित्वों की इतिश्री कर लेता है।