आँवला। तहसील क्षेत्र में भी अब कोई ‘वीरप्पन’ पैदा हो गया है। फर्क इतना है कि यह चंदन के नहीं शीशम के पेड़ काटकर उसकी तस्करी करता है। वन विभाग के अधिकारियों ने आंख-कान बंद कर रखे हैं। ग्रामीणों के शिकायत करने के बावजूद वन विभाग की आंखों से पट्टी नहीं खुली।
आंवला क्षेत्र के गुलड़िया-रामनगर रोड पर लगे शीशम के बहुमूल्य पेड़ तस्करों ने दिन-दहाडे काट लिये और ले गये। यह काम खुलेआम किया गया, लेकिन वन विभाग को भनक तक नहीं लगी। कुछ ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की तो अधिकारियों में खलबली तो दिखाई दी लेकिन नतीज कुछ नहीं निकला।
चर्चा है कि ग्रामीणों ने लकड़ी कहां पड़ी है, इसकी भी जानकारी अधिकारियों को दी। इसके बावजूद वनविभाग के अधिकारी उस लकडी को ढूंढ़ नहीं सके।
लोगों में चर्चा है कि शीशम के 5 पेड़ क्षेत्र के एक कद्दावर सफेदपोश नेता की मौजूदगी में काटे गये हैं। सोमवार को सड़क किनारे लगे शीशम के पांच पेड़ों को काटकर लकडी ले जाई गई। मौके पर रह गये कटे हुए ठूंठ और कुछ जड़ें, जिन्हें छिपाने के लिए उनके ऊपर मिट्टी डाल दी गयी।
यह क्षेत्र सिरौली थाना क्षेत्र में बताया जाता है। लेकिन सिरौली पुलिस द्वारा इस घटना की जानकारी न होने की बात कही जा रही है। पेड़ गायब हो गये, काटे जाने के निशान मौजूद हैं। लेकिन वन विभाग को कुछ नजर नहीं आया और जिम्मेदार पुलिस को कुछ मालूम ही नहीं।